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कविवर संजय पंकज का जन्मदिन प्रणव पर्व हुआ आयोजित

–हर क्षेत्र के दिग्गज जुटे
— 17 दिसंबर को रुन्नीसैदपुर (सीतामढ़ी) में परमेश्वर नारायण स्मृति साहित्य सम्मान से डॉ संजय पंकज को विभूषित किया जाएगा। शॉल, प्रतीक चिन्ह, सम्मान पत्र के साथ ही 51000 की राशि भी भेंट की जाएगी
मुजफ्फरपुर (वरुण कुमार)। हिंदी गीत कविता के जाने-माने कवि डॉ संजय पंकज जन्मदिन पर प्रणव पर्व का भव्य आयोजन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में मिशन भारती, बिहार गुरु, नवसंचेतन, संस्कृति संगम, महाकवि राम इकबाल सिंह राकेश स्मृति समिति, प्रेमसागर आदि संस्थाओं के संयुक्त तत्पावधान में दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुआ। वरिष्ठ राजयोगिनी बीके रानी दीदी के स्नेह वचन कि परमात्मा की हम सब संतान हैं और मनुष्य रूप में हमें अपने भीतर के दिव्य भाव को सदा बचा कर रखना चाहिए। और कोई कभी जब आध्यात्मिक चेतना से संपन्न होता है तो उसके भीतर से जो राग प्रस्फुटित होता है उसी से समाज और विश्व भाव की रक्षा होती है। संजय पंकज का कवि होना उनकी ऋषि भूमिका को भी तय करता है – के साथ जब प्रणव पर्व समारोह का शुभारंभ हुआ तो शुभकामना देने वालों का तांता लग गया और सब ने संजय पंकज के व्यक्तित्व-कृतित्व में विश्वास प्रकट करते हुए उनके दीर्घ जीवन की कामना की।
अपने अध्यक्षीय उद्गार में डॉ भगवान लाल सहनी ने कहा कि संजय पंकज का चैतन्य बोध जागृत है और वह साहित्य की विभिन्न विधाओं में पूरी संवेदनशीलता के साथ प्रकट होता है। मुजफ्फरपुर की पहचान हैं डॉ पंकज। सब में घुले मिले और सबका सम्मान करते हुए निरंतर सृजनशील इनका व्यक्तित्व बड़ा ही सम्मोहक है।
मुख्य अतिथि आरडीएस कॉलेज की प्राचार्य डॉ अमिता शर्मा  ने कहा कि मुजफ्फरपुर निश्चित रूप से बिहार की सांस्कृतिक राजधानी है क्योंकि यह शहर अपने रचनाकार का सम्मान करना जानता है। संजय पंकज राष्ट्रीय फलक पर अपनी साधना के कारण सम्मानित होते हैं और आज अपना आशीर्वाद और स्नेह देने के लिए समाज के हर वर्ग के लोग जिस तरह आए हैं वही रचनाकार की श्रेष्ठता को सिद्ध करता है। विशिष्ट अतिथि पूर्व प्राचार्या डॉ निर्मला सिंह ने कहा कि संजय जी एक सामाजिक लेखक हैं और पूरी सद्भावना से समाज के काम आते हैं।
लेखिका डॉ पूनम सिन्हा ने कहा कि यह शुभकामना देने का अवसर है। संजय पंकज इसके पात्र हैं और इन्हें जब कभी भी मनुष्यता की रक्षा के लिए बुलाया जाता है ये पूरी ऊर्जा के साथ उपस्थित होते हैं। इनकी कथनी और करनी में कोई भेद नहीं है। प्रो अरुण कुमार सिंह  ने कहा कि संजय पंकज  मुजफ्फरपुर के सांस्कृतिक दूत बनकर पूरे देश में जाते हैं यह हम सब के लिए गौरव की बात है। डॉ देवव्रत अकेला ने कहा कि बहुत ही सहज व्यक्तित्व के समृद्ध रचनाकार हैं संजय पंकज।
डॉ अरुण साह ने कहा के साहित्य समाज को दिशा देता है और संजय पंकज मुजफ्फरपुर में साहित्य संस्कृति का अलख जगाए रहते हैं, हम सब प्रेरित होते हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार ने कहा कि संजय पंकज हमारे शहर का नाम बड़े फलक पर रौशन करते हैं। बीके रचि बहन ने कहा कि संजय भाई परमात्मा की संतान हैं। दिन रात शुभभाव को अपने साहित्य के माध्यम से संप्रेषित करते हैं।
रोटरी आम्रपाली के निदेशक एचएल गुप्ता ने कहा कि सामाजिक गतिविधियों में अपनी सेवा के लिए सदा तत्पर रहते हैं संजय पंकज। डॉ विजय शंकर मिश्र ने कहा कि सबको अपना मानने वाले संजय पंकज सहज कवि गीतकार हैं। विमल कुमार परिमल ने कहा कि गांव से शहर तक संजय पंकज साहित्यिक संवेदना को जीते हैं और उसे फैलाते हैं। सीतामढ़ी से आए हुए शिक्षाविद डॉ रामभद्र ने कहा कि मेरे विद्यालय के सारे बच्चे संजय पंकज की श्रेष्ठ कृति मां है शब्दातीत के दोहों को गाते हैं। इन्हें हमारी संस्था परमेश्वर नारायण स्मृति साहित्य सम्मान से 17 दिसंबर को रुन्नीसैदपुर के ज्ञान भारती विद्यालय में सम्मानित करेगी। जिसमें शॉल, प्रतीक चिन्ह, सम्मान पत्र के साथ ही इक्कावन हजार की राशि भी अर्पित की जाएगी।
पूर्व उपमेयर विवेक कुमार ने कहा कि संजय पंकज सरल, सहज और सहयोगी स्वभाव के हैं और इसके लिए इनका कवि होना सबसे महत्वपूर्ण है। विवेक कुमार, हर्षवर्धन ठाकुर, केपी पप्पू, डॉ पुष्पा प्रसाद, पूनम सिंह, वैद्य ललन तिवारी, डॉ एच एन भारद्वाज, डॉ नवनीत शांडिल्य, सुरेंद्र कुमार, शंभूनाथ चौबे,पंडित विनय पाठक, सुधीर कुमार, रघुनंदन प्रसाद सिंह उर्फ अमर बाबू, डॉ प्रियंवदा दास, यशवंत पाराशर, डॉ केशव किशोर कनक, इंदुबाला शर्मा, डॉ सोनी सुमन, सत्येंद्र कुमार सत्येन, रामवृक्ष चकपुरी, सुरेश दास, शुभंकर जी, प्रभास कुमार, सुगंध कुमार, सुधांशु राज, नीरज नयन, अखिलेश राय, प्रेमभूषण, देवेन्द्र कुमार, उर्मिला पांडेय,गणेश प्रसाद सिंह, कामाख्या नारायण सिंह, सोनू पांडे, सियाराम तिवारी, मधु मंगल ठाकुर, मनोज कुमार, संतोष पाठक, अमिय रंजन, विमल, डॉ राजीव कुमार, डा मीनू नारायण, विपिन, अमिय , सर्वेश्वर प्रसाद सिंह, प्रणय कुमार, राकेश कुमार सिंह, अनुराग आनंद, चैतन्य चेतन, दीपक, सत्यप्रकाश आदि ने अपनी शुभकामनाओं में संजय जी के लेखन की विस्तार से चर्चा की और कहा कि इनकी सामाजिकता तथा आध्यात्मिक चेतना से हम सब प्रेरित होते हैं।
अपने भावोद्गार प्रकट करते हुए संजय पंकज ने कहा कि मैं आपके आशीर्वाद से ताकत प्राप्त करता हूं। किसी कवि को समाज इतना प्यार करता है तो यह तय मानिए कि उस पर जिम्मेदारियों का बोझ भी आता है। साहित्य विश्वास की रक्षा और संवेदना का विस्तार करता है। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे साहित्य के शिखर पुरुष आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री, कविवर राजेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ शिवदास पांडेय, डॉ रेवती रमण जैसे महान लेखकों का स्नेह सान्निध्य मिला है और आज भी मुझे मेरे गुरुजन, समकालीन और अनुज प्यार करते हैं यह मेरे आत्मविश्वास को पुष्ट करता है।
अपने स्वागत संबोधन तथा संचालन में युवा समाजसेवी अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा ने कहा कि संजय भैया का जन्मदिन हम सबके लिए उल्लास और आत्मीयता का पर्व है। डॉ पुष्पा प्रसाद , इंदु बाला शर्मा, डॉ सोनी और विपिन के मंगल गीतों के उपरांत शुभकामना देने वालों में डॉ रामजी प्रसाद, डॉ बी एल सिंघानिया, ब्रजभूषण शर्मा, डॉ भावना, प्रमोद आजाद, सुमन वृक्ष, डॉ नवीन कुमार, अनिल कुमार मिश्रा, आलोक अभिषेक, आशा कुमारी आदि सैकड़ों लोग जिसमें समाजसेवी, व्यवसायी, चिकित्सक, प्राध्यापक, संस्कृति कर्मी, साहित्यकार और समाज के हर तबके के लोग थे।
विषय प्रस्तावना डॉ रामेश्वर द्विवेदी ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ मीनू नारायण ने किया।

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