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मां का शुक्रिया अदा करने के लिए एक पूरी जिंदगी ही कम पड़ जाएगी: डॉ. रीता पराशर

मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। मिठनपुरा स्थित डीपीएस स्कूल में मदर्स डे को लेकर खास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें छात्र-छात्राओं को माँ की महत्ता विषय पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए प्रतियोगिता आयोजित की गई।
स्कूल की निदेशक सह प्रिंसिपल डॉ. रीता पराशर ने कहा कि हर साल मई के दूसरे रविवार  को मदर्स डे मनाया जाता है। हर बच्चे और मां  के लिए यह दिन बहुत खास होता है. इस बार मदर्स डे 14 मई 2023, रविवार को मनाया गया। वैसे तो मां का शुक्रिया अदा करने के लिए एक पूरी जिंदगी ही कम पड़ जाएगी, लेकिन इस खास दिन पर आप अपनी मां को उनकी परवरिश और उनके समर्पण के लिए शुक्रिया कह सकते हैं।

मदर्स डे पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में 1908 में मनाया गया था, जब एना जार्विस ने अपनी मां एन रीव्स जार्विस की याद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. उन्होंने 19वीं शताब्दी में स्वास्थ्य और स्वच्छता की स्थिति में सुधार के लिए मदर्स डे वर्क क्लबों का आयोजन किया था. एना जार्विस अपनी मां और सभी माताओं का सम्मान करना चाहती थीं और उन्होंने मदर्स डे को नेशनल हॉलीडे के रूप में मनाने के लिए एक अभियान शुरू किया।

 
1914 में अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने माओं को सम्मानित करने के लिए नेशनल हॉलीडे के रूप में मई में दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने के पेपर पर साइन किया. उसके बाद ये दिन कुछ समय में पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गया और यह अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा.

 

आज मदर्स डे दुनिया भर के 50 से अधिक देशों में मनाया जाता है, और यह माताओं और उनके लिए प्यार, आभार जताने का दिन है. लोग अक्सर अपनी मम्मियों को आज के दिन गिफ्ट, कार्ड और फूल देते हैं।

इस अवसर पर  निधु, नीतू, फ़रज़ाना, गौरी सिंह, स्तुति, इंद्रजीत, सौम्या सिंह, राजू, फातिमा समेत गणमान्य शिक्षक और स्कूल की छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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