खबरें बिहार

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस से पूछा – “अधिवक्ता की आँख क्यों फोड़ा?”

–राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एसएसपी मुजफ्फरपुर को जारी किया नोटिस
–पीड़ित अधिवक्ता की ओर से मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा कर रहे हैं मामले की पैरवी
मुजफ्फरपुर। जिले के काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के पावर हाउस चौक पर सिपाही द्वारा डंडे से मारकर अधिवक्ता की आँख फोड़े जाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एसएसपी मुजफ्फरपुर को नोटिस जारी किया है। आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए मुजफ्फरपुर पुलिस से सवाल किया है कि अधिवक्ता पर डंडा क्यों चलाया गया और अधिवक्ता की आँख क्यों फोड़ी गई? आयोग के द्वारा पुरे मामले की रिपोर्ट 15 अप्रैल से पहले माँगी गई है। विदित हो कि 7 फरवरी को अधिवक्ता पंकज कुमार रात्रि के लगभग 11:40 बजे पटना से अपने आवास मुजफ्फरपुर लौट रहे थे, तब पावर हाउस चौक पर पहले से मौजूद काजीमोहम्मदपुर थाने के पुलिसकर्मी वाहन जाँच के लिए खड़े थे। पुलिसकर्मियों द्वारा उनकी गाड़ी को रोका गया और पूछा गया कि वे कहाँ से आ रहे हैं? जबतक अधिवक्ता कुछ बोल पाते तबतक पुलिस पदाधिकारी द्वारा उन्हें गाली देते हुए पुलिसकर्मियों को उन्हें मारने का आदेश दे दिया गया। उसके बाद एक पुलिसकर्मी के द्वारा अधिवक्ता पंकज कुमार के आँख को डंडे से भोंक दिया गया। वे दर्द से कराहते हुए ज़मीन पर गिर गए। तब सभी पुलिसकर्मी वहाँ से भाग गए। अधिवक्ता पंकज कुमार का ईलाज शंकर नेत्रालय कोलकाता में हुआ। उनकी एक आँख की रौशनी खत्म हो चुकी है। अबतक दो बार सर्जरी हो चुकी है। एक सर्जरी मई के अंतिम सप्ताह में होनी है। चिकित्सकों द्वारा बताया जा रहा है कि अधिवक्ता के क्षतिग्रस्त आँख की रौशनी लौट पाना मुश्किल है। पुरे मामले की जानकारी पीड़ित अधिवक्ता पंकज कुमार ने मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस. के. झा के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली तथा बिहार मानवाधिकार आयोग, पटना को दी थी। जिसपर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली ने एसएसपी मुजफ्फरपुर को तलब किया है। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने बताया कि यह पूरा प्रकरण मानवाधिकार उल्लंघन के अतिगंभीर श्रेणी का मामला है। आयोग मामले को लेकर काफी सख्त है और आयोग के द्वारा मामले को काफी गंभीरता से लिया गया है। एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता रामशरण सिंह ने कहा कि आयोग के द्वारा उठाये गये इस कदम से दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कठोर-से-कठोर कार्रवाई होना सुनिश्चित है। महासचिव वीरेन्द्र कुमार लाल ने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों को विभाग से अविलम्ब बर्खास्त किया जाना उचित प्रतीत होता है। वहीं वरीय कानूनविद् विजय कुमार शाही ने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों को अविलम्ब बर्खास्त करते हुए सरकार को तत्काल 20 लाख रूपये का मुआवजा अधिवक्ता पंकज कुमार को अविलम्ब देना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *