मुजफ्फरपुर (वरुण कुमार)। 14 मार्च को होने वाले सीनेट मीटिंग से पूर्व बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति ने संयुक्त छात्र संगठन से मुलाकात कर तमाम मुद्दों पे गहन चर्चा की।
छात्र नेताओं के कई मांगों को कुलपति ने सहर्ष स्वीकार भी किया जिसमें प्रमुख रूप से शोधार्थियों के लिए अलग छात्रावास की व्यवस्था,सेंट्रल लाईब्रेरी सहित विभागों में किताबे मुहैय्या करना,सभी पीजी विभागों में पेयजल की समुचित व्यवस्था, विगत कई वर्षों से स्थगित दीक्षांत समारोह जल्द आयोजित कराने, विश्वविद्यालय के पीजी विभागों की जर्जर स्थिति व गिरते भवन के मरम्मतीकरण व नए भवन निर्माण संबंधी बातों पर चर्चा की।
छात्र हम के प्रदेश अध्यक्ष संकेत मिश्रा ने कुलपति से कहा कि सीनेट में जो बजट पास किया जाए उसमे छात्रों के विकास से संबंधित सारी प्रमुख चीजों को रखा जाए जिसमे छात्रों के समुचित विकास की बात हो और ज़ल्द से ज़ल्द दीक्षांत समारोह का आयोजन कराया जाए।
छात्र लोजपा (रा०) के प्रदेश प्रधान महासचिव गोल्डेन सिंह ने कुलपति से कहा कि उनके आने के बाद एक व्यक्ति एक पद की और जो कदम बढ़ाया गया है वो स्वागत योग्य है और आगे भी इसी ढर्रे पर विश्वविद्यालय चले तो फैसले की गरिमा बनी रहेगी वही स्नातकोत्तर विभगो में शिक्षक-छात्र अनुपात के तहत शिक्षक की कमी दूर करने को लेकर कहा कि वरीय शिक्षकों को विभागों में भेजा जाए।
वही एआईएसएफ़ के जिलाध्यक्ष महिपाल ओझा ने कहा कि सेल्फ फाइनेंस कोर्स चलाकर विश्वविद्यालय छात्रों के अधिकार का हनन कर रही है जिसके कारण न तो छात्रओं को छात्रवृत्ति मिल पाती है न ही रेगुलर प्रोफेसर की भर्ती हो पाती है जिसमे एलएस कॉलेज में चल रहे स्नातक कॉमर्स,जूलॉजी एवं एमडीडीएम कॉलेज में चल रहे कॉमर्स का उदाहरण दिया और कहा कि SC/ST एवं महिलाओं को मुफ्त शिक्षा की बात राज्यसरकार द्वारा कही गयी एवं उच्चन्यायालय भी लिए गए शुल्क को लौटाने के बावजूद उनलोगों से लगातार फीस ले रहा है जो पूरी तरह से असंवैधानिक है।
सभी मुद्दों को कुलपति ने सहर्ष स्वीकार किया और उन्होंने कहा कि बिल्कुल सभी मामलों में मैं तत्वरित कार्रवाई करूंगा तथा यह सभी मामले छात्रों के करियर से जुड़ा हुआ है।