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जीवित पुत्रिका का नहाय खाए पांच अक्टूबर को

—तिरहुत विद्वत परिषद का गठन
मजफ्फरपुर (वरुण कुमार)। हिंदुओं के पर्व-त्योहार मेे एकरूपता बनी रहे। इसके लिए तिरहुत विद्वत परिषद का गठन किया गया। बाबा गरीबनाथ मंदिर परिसर में आचार्य-पुरोहित समाज की बैठक हुई। विद्धानों ने एक साथ परिषद बनाने तथा जीवित पुत्रिका व्रत के लिए अपना निर्णय दिया। तिरहुत परिषद के मुख्य संयोजक अध्यात्मिक गुरू पंडित कमलापति त्रिपाठी प्रमोद ने बताया कि जीवितपुत्रिका व्रत का नहाय खाए पांच अक्टूबर गुरूवार, निर्जला शुक्रवार को तथा पारण शनिवार को दिन में दस बजकर 35 मिनट पर होगा। अखंड भारत पुरोहित महासभा की ओर से बैठक में देश स्तर पर चलने वाले पचांग की ओर से जीवितपुत्रिका व्रत के निर्णय के बारे में बताया गया। उसके बाद सबने मंथन कर एक राय जाहिर की।
तिरहुत विद्वत परिषद के यह बने पदाधिकारी
तिरहुत विद्वत परिषद के मुख्य संयोजक अध्यात्मिक गुरू पंडित कमलापति त्रिपाठी प्रमोद, सह संयोजक कथावाचक धीरज झा धर्मेश तथा मुख्य संरक्षक पंडित विनय पाठक को बनाया गया।
विद्वत परिषद के अध्यक्ष सुनीता तिवारी, संरक्षक आचार्य पंडित नथुनी तिवारी, शंभूनाथ चौबे, पंडित विनोदानंद झा, पंडित वैद्यनाथ पाठक को बनाया गया। परिषद के सदस्य पंडित रविशंकर मिश्र, पंडित ओमप्रकाश मिश्र, पंडित सुनील मिश्र, डा.चंदन उपाध्याय, पंडित अभिषेक पाठक, पंडित रामबालक भारती, पंडित हरिशंकर पाठक, पंडित हिमांशु पाठक, पंडित ब्रजेश तिवारी, पंडित विश्वनाथ झा, पंडित हरिनाथ तिवारी, पंडित अरूण पाण्डेय, पंडित जयकिशोर ओझा, पंडित अमित तिवारी, पंडित गुडू मिश्रा, पंडित प्रमोद कुमार दूबे, पंडित अजयानंद झा, आचार्य दिवाकर झा शामिल है।
यह लिया गया निर्णय
— जीवित पुत्रिका व्रत का नहाय खाए पांच अक्टूबर को होगा
— सनातन समाज में पर्व की एकरूपता के लिए परिषद नियमित मंथन करेगा
— पुरोहित-आचार्य के कल्याण उनके समाजिक विकास को लेकर होगी पहल-
— तिरहुत विद्वत परिषद का विस्तार करते हुए आने वाले दिनों में प्रखंड स्तर पर होगा

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