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गणपति उत्सव और स्वराज्य पर्व की ऐतिहासिक तैयारी

–लोकमान्य तिलक के प्रपौत्र दीपक तिलक ने संजय पंकज को मुजफ्फरपुर उत्सव में सम्मिलित होने का दिया भरोसा
–राष्ट्रीय पुस्तक मेला, सांस्कृतिक आयोजन और दर्जनों नाट्य मंचन होगा विशेष आकर्षण
मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर न्यास दिल्ली के तत्वावधान में भारतीय विद्या, साहित्य एवं संस्कृति समागम सह राष्ट्रीय पुस्तक मेला दिनांक 19 से 28 सितंबर तक(10 दिवसीय) रामदयालु सिंह कॉलेज मुजफ्फरपुर में आयोजित किया जा रहा है जिसमें गणपति उत्सव से कार्यक्रम का शुभारंभ होगा। विदित हो कि इसके लिए पुणे के सुविख्यात मूर्तिशिल्पी प्रशांत खेड़कर जी के द्वारा बनाई गई 12 फीट की भगवान गणेश की प्रतिमा और आरती करते हुए लोकमान्य तिलक की 6 फुट की प्रतिमा दिनांक 9 सितंबर की शाम में मुजफ्फरपुर के लिए न्यास के अध्यक्ष नीरज कुमार की देखरेख में पूजा-अर्चना के मांगलिक वातावरण में नारियल फोड़ने के साथ ही प्रस्थान कर गई। गणपति प्रतिमा-रुप में 15 सितंबर  को मुजफ्फरपुर में गाजे-बाजे और जयकारे के साथ प्रवेश करेंगे। गणपति आगमन अभिनंदन में जुटेंगे समाजसेवी, बुद्धिजीवी और लोग ही लोग‌। न्यास के अध्यक्ष नीरज कुमार ने गणपति उत्सव और स्वराज्य पर्व में पुणे लोकमान्य तिलक के प्रपौत्र दीपक तिलक जी को आमंत्रण पत्र देकर मुजफ्फरपुर आने का निवेदन किया।
इस समारोह के संयोजक डॉ संजय पंकज ने दूरभाष के माध्यम से दीपक तिलक जी को उत्सव में पधारने के लिए आमंत्रित किया तो उन्होंने शुभकामनाएं दीं और कहा कि बिहार की धरती सामाजिक समरसता और सद्भाव की धरती है। साहित्य, संस्कृति और आध्यात्मिकता से गौरवान्वित बिहार धरती पर हम सपरिवार पहुंचें ऐसी प्रार्थना भगवान गणेश से कर रहा हूं और हम आएंगे। मुजफ्फरपुर से लोकमान्य का ऐतिहासिक नाता है मेरी बधाई और शुभकामनाएं आप सबको।  मुजफ्फरपुर मेरे लिए प्रणम्य है। डॉ संजय पंकज ने स्वराज पर आयोजन की जानकारी देते हुए बताया कि गणपति पूजा, आरती, भजन, सांस्कृतिक आयोजन, सेमिनार, समसामयिक अनेक विषयों पर राष्ट्रीय विमर्श के साथ ही विद्यार्थियों के लिए भी वाद-विवाद, संभाषण तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम निश्चित है। सुप्रसिद्ध रंगकर्मी मुजीब खान (मुंबई) के निर्देशन में दर्जनों नाटकों जिसमें लोकमान्य, विवेकानंद, भगत सिंह, रश्मिरथी तथा प्रेमचंद तथा रवींद्रनाथ टैगोर की कथा कृतियों पर नाट्य प्रस्तुतियां होंगी। जहां उद्घाटन के दिन पंडित बिरजू महाराज के शिष्य शिष्याओं के द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति होगी वहीं 27 तारीख को डॉ पूनम शर्मा (हिमाचल प्रदेश) के द्वारा गीता के 21 श्लोकों पर 21 कलाकारों के द्वारा नृत्य प्रस्तुति होगी। समारोह में कई मंत्रियों, राज्यपालों, विश्वविद्यालय के कुलपतियों तथा देशभर के अनेक विद्वानों एवं कलाकारों के आने की स्वीकृति मिल गई है। 22 तारीख को राष्ट्रीय कवि सम्मेलन एवं 23 तारीख को राष्ट्रकवि दिनकर की जयंती के आलोक में उनके व्यक्तित्व-कृतित्व पर विशेष चर्चा तथा रश्मिरथी का मंचन महत्वपूर्ण है। सहसंयोजक अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा तथा स्वागताध्यक्ष रघुनंदन प्रसाद सिंह उर्फ अमर बाबू ने बताया कि इस ऐतिहासिक आयोजन की तैयारी में हर वर्ग के लोग लगे हुए हैं। 17 तारीख को सिकंदरपुर सीढ़ी घाट से सुबह में कलश यात्रा निकलेगी जो सरैयागंज, गरीबस्थान होते हुए हरिसभा के रास्ते आरडीएस कॉलेज पहुंचेगी।

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