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प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में छात्रों की मदद करेगा क्यू एण्ड आई

पटना (जनमन भारत संवाददाता)। जेईई एवं नीट परीक्षाओं की तैयारी के लिए थाॅमसन डिजिटल पहला मूल्यांकन आधारित प्लेटफाॅर्म – क्यू एंड आई लेकर आई है। क्यू एण्ड आई थॉमसन डिजिटल द्वारा पेश किया गया आधुनिक ऐड-टेक प्लेटफाॅर्म है। भारत में प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में क्रांतिकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से इस प्लेटफाॅर्म को आईआईटी, एनआईटी, आईआईएसईआर के विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया है। यह एक अडैप्टिव, मूल्यांकन आधारित लर्निंग प्लेटफाॅर्म है जो छात्रों को प्राथमिकता देता है। यह एआई, एमएल तकनीकों और हाइपर-लेयर्ड ग्रेडेषन का उपयोग कर छात्रों को निर्धारित विषय में सुधार लाने में मदद करता है। प्लेटफाॅर्म का यही दृष्टिकोण छात्रों को उनकी क्षमताओं, उनके पढ़ने के तरीकों के अनुसार सुपर-कस्टमाइज़्ड सहयोग प्रदान कर उन्हें सक्षम बनाता है।
प्रोडक्ट के बारे में बात करते हुए विनय सिंह एक्ज़क्टिव डायरेक्टर एवं सीईओ, थाॅमसन डिजिटल और क्यू एण्ड आई ने कहा, ‘‘ क्यू एण्ड आई एक ऐसा प्लेटफाॅर्म है जिसे खासतौर पर नीट एवं जेईई की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बनाया गया है। यह प्लेटफाॅर्म समझता है कि हर छात्र की ज़रूरत, क्षमता, लक्ष्य अलग होते हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए ए.आई., डेटा एनालिटिक्स एवं मषीन लर्निंग के ज़रिए उन्हें पर्सनलाइज़्ड लर्निंग का अनुभव प्रदान करता है, ताकि वे अपनी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ तरीकों से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकें। इस प्लेटफाॅर्म के माध्यम से हम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में बड़ा बदलाव लाना चाहते हैं और और ऐड-टेक में ‘टेक’ की उपयोगिता को बढ़ाना चाहते हैं। ’’
थाॅमसन डिजिटल का क्यू एण्ड आई  (https://www.qanditoday.com/)  स्कूलों के लिए एक सपोर्ट सिस्टम की तरह काम करता है और छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करता है। यह प्लेटफाॅर्म 14 दिनों का फ्री ट्रायल देता है और साथ ही आने वाले समय में छात्रों को छात्रवृत्तियां देने की योजना भी बना रहा है।  भारत की शिक्षा प्रणाली में अपार क्षमताएं हैं, किंतु अगर ऐड-टेक प्लेटफाॅर्म सिर्फ आफलाईन लेक्चर्स के समांतर काम करें तो डिजिटल लर्निंग की दिशा में बदलाव लाना सहज नहीं होगा। इसके लिए हमें पर्सनलाइज़्ड लर्निंग और आधुनिक टेक टूल्स के उपयोग पर ज़ोर देना होगा, ताकि छात्रों को उत्कृष्ट परिणाम मिलें और भारत की  शिक्षा प्रणाली में बड़े सकारात्मक बदलाव लाए जा सकें।

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