–बिहार केसरी टॉक के अंतर्गत श्रीबाबू और औद्योगिक बिहार पर हुआ विमर्श
मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। बिहार केसरी डॉ श्रीकृष्ण सिंह की जयंती पर मिशन भारती तथा बिहार गुरु के तत्वावधान में आमगोला स्थित शुभानंदी में श्रीबाबू और औद्योगिक बिहार पर अध्यक्षीय उद्बोधन में साहित्यकार डॉ संजय पंकज ने कहा कि बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह कर्मयोगी और स्वप्नदर्शी राजनेता थे। उन्होंने प्रांत का चतुर्दिक विकास किया। विभिन्न उद्योगों की स्थापना करके रोजगार के दरवाजे खोल दिए। आजादी के बाद हासिल बिहार के पास आर्थिक संसाधनों की कमी थी।श्रीबाबू ने अपने मजबूत इरादों के साथ काम करना शुरू किया। बरौनी, बोकारो, हटिया, सिंदरी जैसे कई छोटे-बड़े शहरों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की और बिहार को आत्मनिर्भर बनाया। श्रीबाबू पर तिलक और गांधी का मिश्रित प्रभाव था। उनके लिए वैचारिकता के साथ ही उत्पादन महत्वपूर्ण था। आज उनके द्वारा स्थापित कई औद्योगिक प्रतिष्ठान मृतप्राय हैं या बंद हो चुके हैं। विकास के लिए जिस ईमानदारी, कर्मठता और कार्य करने की इच्छाशक्ति की जरूरत होती है उसे वर्तमान नेतृत्व को श्रीबाबू से सीखना चाहिए। डॉ पंकज ने कहा कि श्री बाबू सच्चे अर्थ में विकास पुरुष थे। सरकार और प्रशासन के तालमेल से कैसे सकारात्मक वातावरण बनता है और जनता खुशहाल होता है यह श्रीबाबू के शासनकाल के अध्ययन से पता चलता है। चिंता का विषय है कि आज उद्योगपति बिहार आना नहीं चाहते हैं जबकि यहां उद्योग के लिए अपार संभावनाएं हैं। श्रीबाबू निष्पक्ष, निर्भीक और संवेदनशील नेता थे। वे चिंतक और विचारक थे। औद्योगिक बिहार को समृद्ध करते हुए उन्होंने राष्ट्र को मजबूत बनाने में अविस्मरणीय योगदान दिया। उद्योगपति भारत भूषण ने कहा कि आज उद्योगपतियों के प्रति जो उदासीनता है इससे बिहार की हानि हो रही है। डॉ श्रीकृष्ण सिंह ने हर तरफ बड़े-बड़े कल कारखाने और उद्योगों की स्थापना की थी इससे आर्थिक मजबूती भी प्रांत को मिली थी तथा युवकों को रोजगार भी मिल रहा था। उद्योगपतियों के प्रति बड़ा सम्मान भाव रखते थे श्री बाबू। समाजसेवी एचएल गुप्ता ने कहा कि श्रीबाबू बिहार की जनता को तथा बिहार को पूरे देश में श्रेष्ठ रूप में देखना चाहते थे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, उद्योग हर क्षेत्र में काम करते हुए बिहार को अग्रणी बनाने का प्रयास किया था। मुकेश त्रिपाठी ने कहा कि श्रीबाबू की कर्मठता और कार्यशैली से प्रेरणा लेने की जरूरत है। अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा ने कहा कि श्री बाबू मजबूत बिहार के निर्माण के लिए हर समय सचेत रहते थे। बिहार केसरी टॉक एक अभियान है जो आगे भी चलता रहेगा। ऐसे जनप्रिय नेता को भारत रत्न से केंद्र सरकार को शीघ्रातिशीघ्र सम्मानित करना चाहिए।
विचार प्रकट करने वालों में असीम सिन्हा, प्रेमभूषण, कुमार विभूति, ब्रज भूषण शर्मा, सुनील साह, राजीव कुमार, दीनबंधु, कामाख्या नारायण सिंह, भास्कर भाई, फणी भूषण आदि महत्वपूर्ण थे।
आयोजन का शुभारंभ श्रीबाबू के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ हुआ।
स्वागत चैतन्य चेतन तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रमोद आजाद ने किया।