खबरें बिहार

उत्तम फल देने वाला होगा शुभ योग व हस्त नक्षत्र का अद्भुत संयोग

मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। हरितालिका (तीज) 30 अगस्त मंगलवार को हस्त नक्षत्र शुभ योग में मनायी जाएगी। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका का व्रत किया जाता है। शुभ योग और हस्त नक्षत्र से युक्त तृतीया का यह अद्भुत संयोग सभी के लिए उत्तम फल देने वाला होगा। यह व्रत अपने संतान और पति के लंबी आयु और सौभाग्य प्राप्ति के लिए किया जाता है। आचार्य सुजीत शास्त्री (मिट्ठू बाबा) ने बताया कि हरितालिका व्रत कुंवारी व विवाहित महिलाओं द्वारा माता गौरी व भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना के साथ रखा जाता है। मंगलवार को गौरी शंकर की पूजन के लिए श्रेष्ठ दिन है। सौभाग्यवती स्त्रियां अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना से हरितालिका तृतीया यानी तीज व्रत करती है। इसमें महिलाएं अन्न,जल, ग्रहण किये बिना पूरे श्रद्धापूर्वक यह व्रत रखती हैं। मिट्ठू बाबा ने बताया कि पुराणों के अनुसार इस व्रत को देवी पार्वती ने किया था जिसके फलस्वरूप उन्हें भगवान शंकर की प्राप्ति हुई थी। इस दिन महिलाएं पूजन-अर्चना के साथ मां पार्वती की कथा भी सुनती है, जिसमें देवी पार्वती के त्याग, धैर्य व एकनिष्ठ पतिव्रत की भावना को जानकर उनका मन विभोर हो उठता है। इस दिन मुख्य रूप से शिव पार्वती और मंगलकारी गणेश जी की पूजा अर्चना करने का विधान है।
 पूजन विधि :- मिट्ठू बाबा ने बताया कि व्रत के दिन महिलाएं सुबह उठकर स्नान करें. पूजा के स्थान पर जाकर भगवान शिव के साथ माता पार्वती ,गणेश, नंदी सपरिवार की प्रतिमा बनाकर स्थापित करें. ऐसा करने के बाद गंगाजल और दूध चढ़ाएं. बिल्वपत्र शंकर जी को बहुत प्रिय है. बिल्ल पत्र अर्पण करने पर शिवजी अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं। शिवलिंग पर धतूरा, भांग, मलयागिरी चंदन, चावल चढ़ाएं और सभी को तिलक लगाएं। मंदार पुष्पों की माला अर्पित करें. हरितालिका व्रत की कथा सुनें। धूप व दीप से गणेश जी की आरती करें। भगवान शिव की आरती करें और सच्चे मन से उनकी पूजा-अर्चना करें। पूजा को संपन्न करने के लिए भगवान शिव को घी शक्कर या प्रसाद का भोग लगाएं। फिर इससे परिवारजनों को बांटे और खुद भी ग्रहण करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *