मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। विश्व स्तनपान दिवस पर उत्तर बिहार का सबसे बड़ा केजरीवाल मैटरनिटी अस्पताल में कार्यरत स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ, नर्स और अस्पताल में उपस्थित माताओं के बीच डॉ. अरुण शाह ने बताया कि देश में जन्म के 28 दिन के अंदर 6 लाख से ज्यादा प्रति वर्ष बच्चों की मृत्यु हो जाती है। जिसका प्रमुख कारण है नवजात शिशुओं को माँ का दूध नहीं मिल पाना। एक रिपोर्ट के अनुसार अगर हर माँ अपने बच्चे को जन्म के पश्चात केवल अपना दूध दे, तो 60% मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। आखिर किन कारणों से 50 फ़ीसदी से ज्यादा बच्चों को केवल माँ का दूध नहीं मिल पाता ?
क्यों जन्म के बाद स्तनपान करने की प्रक्रिया मे विलंब होता है ? क्यों नवजात बच्चों को (prelacteal feeding) जन्म गुठी देने का रिवाज अभी भी है? क्यों नहीं ये सारी बातें चिकित्सक, नर्स, आंगनबाड़ी सेविका गर्भावस्था महिला और उसके पूरे परिवार को दृढ़ता से पालन करने को कहते हैं ? क्यों नवजात बच्चों को डिब्बा का दूध पिलाना का फैशन हो गया है ?
सभी नवजात शिशुओं को माँ का दूध नहीं मिलना मानवता के विरुद्ध एक अपराध है और इस असफलता के लिए हम सब की सामुहिक जिम्मेदारी है। इसलिए माँ का दूध बच्चे को जरूर पिलाये।