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जेल में बंद अमेरिकी नागरिक हुआ रिहा, चल पड़ा स्वदेश

–मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा की मुहिम रंग लाई, अमेरिकी नागरिक की मानवाधिकार आयोग में कर रहे थे मामले की पैरवी
मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। जेल में बंद अमेरिकी नागरिक डेविड क्विंग दुहयन को रिहा कराने के लिए चलाई जा रही मुहिम रंग लाई। अमेरिकी नागरिक की सजा 22 जून 2022 को पूरी होते ही 23 जून की सुबह उसे पटना के लिए रवाना कर दिया गया, जहाँ से उसे अमेरिका के लिए रवाना कर दिया गया है। बताते चलें कि अमेरिकी मूल के निवासी डेविड क्विंग दुहयन को 19 मार्च 2018 को मधुबनी जिला के बासोपट्टी थाना खौना ओपी के निकट एस.एस.बी. ने गिरफ्तार किया था। उसपर बिना वीजा के भारत में प्रवेश व भ्रमण करने का आरोप था। इस संबंध में एस.एस.बी. अधिकारी श्यामचरण बर्मन ने बासोपट्टी थाना में विदेशी अधिनियम के तहत डेविड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। डेविड को मधुबनी कोर्ट ने पाँच साल कैद व दो हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई थी। सुरक्षा के मद्देनजर उसे मधुबनी उपकारा से मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया। मधुबनी कोर्ट के द्वारा उसे जमानत का लाभ भी मिला था, लेकिन भारत में उसका कोई जमानतदार नहीं मिला, जिस कारण वह बाहर नहीं निकल सका। यह भी बात सामने आई थी कि जब भी डेविड को कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जाता था, वह नंगे पाँव ही पहुँचता था। पुरे मामले के सम्बन्ध में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने बिहार मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को आवश्यक जानकारी दिए और इस नागरिक के पूरे मामले को सबसे पहले मानवाधिकार अधिवक्ता श्री झा ने ही मीडिया के सामने उजागर किया। अधिवक्ता एस. के. झा ने मानवाधिकार के अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का हवाला देकर अमेरिकी राजदूत को आगे आने के लिए पत्र भी लिखा। उसके बाद अमेरिकी दूतावास के दो सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल भी पहुंचे। बिहार मानवाधिकार आयोग ने मामले में रिपोर्ट तलब किया, तो जेल प्रशासन के स्तर से उक्त नागरिक के संबंध में कोई रिपोर्ट आयोग को समर्पित नहीं की गई। तत्पश्चात बिहार मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विनोद कुमार सिन्हा ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को उक्त अमेरिकी नागरिक के बारे में पता लगाकर रिपोर्ट देने को कहा। आयोग के आदेशानुसार अधिवक्ता श्री झा मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल पहुँचे और उक्त नागरिक के बारे में जानकारी लेकर आयोग को दिए। मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने मामले की जानकारी संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवाधिकार मामलों के उच्चायुक्त सहित सेंस फ्रांसिस्को के स्थानीय प्रशासन को भी दिये, चूँकि उक्त अमेरिकी मूल के नागरिक का घर सेंस फ्रांसिस्को में ही पड़ता है। उसके बाद अमेरिकी दूतावास ने मामले में तेजी दिखाई, जिसके बाद उक्त अमेरिकी नागरिक की वतन वापसी संभव हो पाई है। अमेरिकी नागरिक की रिहाई के संबंध में मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल के उपाधीक्षक सुनील कुमार मौर्या ने भी पुष्टि की है। अधिवक्ता श्री झा ने बताया कि अगर अमेरिकी दूतावास के स्तर से शुरुआती दौर में तेजी दिखाई जाती तो शायद डेविड की रिहाई बहुत पहले ही हो जाती। विदित हो कि पूर्व में भी अधिवक्ता एस. के. झा ने तीन नाइजीरियन नागरिको को एवं एक बांग्लादेशी नागरिक को जेल से रिहा करवा चुके हैं। अधिवक्ता एस. के. झा विदेशी नागरिकों का मुकदमा मुफ्त में लड़ते हैं।

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