पटना (जनमन भारत संवाददाता)। दरोगा प्रसाद राय ट्रस्ट भवन के सभागार में “ज्ञानी जैल सिंह पुण्य स्मृति फाउंडेशन” के तत्वाधान में देश के यशस्वी एवं लोकप्रिय पूर्व राष्ट्रपति स्व.ज्ञानी जैल सिंह की 27 वीं पुण्यतिथि समारोह मनाई गई। मौके पर लोगों ने ज्ञानी जैल सिंह को याद कर उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग के पूर्व उप निदेशक यू०पी० शर्मा ने कहा कि हमें गर्व है कि हम पूर्व राष्ट्रपति स्व.ज्ञानी जैल सिंह के वंशज हैं उनकी सच्ची श्रद्धांजलि तब होगी जब हम उनके बताए रास्तों पर दो कदम भी चलें। श्री शर्मा ने अपने समाज को शिक्षा हासिल करने पर बल दिया।
दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए भोजपुरी गायक सुर सम्राट भरत शर्मा व्यास ने पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पंजाब के फरीदकोट जिले के संधवा गांव में एक बढ़ई परिवार में जन्मे ज्ञानी जैल सिंह कठिन परिश्रम, उच्च आदर्शो तथा सामाजिक सुचिता के बल देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति के पद पर आसीन हुए।
सभा को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस अधिकारी ईश्वर चंद्र शर्मा ने कहा कि ज्ञानी जैल सिंह विश्वकर्मा समाज के अनमोल रत्न थे।उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री, भारत सरकार के गृह मंत्री और भारत के राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया।
विशिष्ट अतिथि विश्वकर्मा एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.हेम नारायण विश्वकर्मा ने कहा कि भारतीय संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में सबकी भागीदारी के लिए ही समान मताधिकार प्रदान किया गया था।अवसर की समता के बावजूद विश्वकर्मा समुदाय की पीड़ा आज भी संसद व विधान मंडल में नहीं उठ रही है।
ज्ञान कला के दक्ष काष्ट शिल्पी राष्ट्रीय मुख्यधारा से आज भी वंचित है।
भारतीय संविधान के अवसर की समता के साथ-साथ व्यक्ति की गरिमा व प्रतिष्ठा सुनिश्चित करने का वचन है। महात्मा गांधी के ताबीज वाले व्यक्ति की आज भी उपेक्षा जारी है। एसोसिएशन के प्रवक्ता धर्मेंद्र कुमार शर्मा कहा कि विश्वकर्मा समाज के करवट बदलने से ही बिहार के सत्ता में परिवर्तन हो जाता है। इसका एहसास अब इस समाज को हो चुका है।

कार्यक्रम के मुख्य आयोजक सह स्मृति फाउंडेशन के संयोजक भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त विनोद शर्मा ने फाउंडेशन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व राष्ट्रपति के विचार, दर्शन तथा संपूर्ण जीवन संघर्ष हम सबके लिए सदैव प्रेरणादायी है और उनके इसी यशस्वी कृत, लोकप्रिय पहचान तथा उपलब्धियों को आम जनमानस तक पहूंचाने के लिए इस फाउंडेशन की स्थापना की गई है। साथ ही सामाजिक कुरीतियां जैसे दहेज प्रथा,बाल विवाह,मृत्यु भोज,अश्पृश्यता,बाल श्रमिक, गरीब बच्चों को शिक्षा के लिए आर्थिक मदद,आकस्मिक चिकित्सा खर्च में सहयोग, परिवाद में परेशान लोगों को कानूनी सलाह पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में भी काम सहित बिहार के अन्य जिलों में भी युवाओं के बीच विभिन्न प्रकार के जागरुकता कार्यक्रम तथा सामाजिक,सांस्कृतिक चिंतन शिविर आयोजित करेगी। कार्यक्रम का संचालन महिला शक्ति आकांक्षा शर्मा ने किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि वरीय उप-समाहर्ता अरविंद कुमार, महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी मोतिहारी के प्रो०अमिताभ रंजन,नवनिर्वाचित मुखिया श्रीमती नविता शर्मा को अंगवस्त्र एवं बुके देकर सम्मानित किया गया। समारोह को संबोधित करने वालों में मुख्य रूप से योगेन्द्र शर्मा,प्रिंस शर्मा रामाश्रय शर्मा, अधिवक्ता विनय मिस्त्री वरिष्ठ समाजसेवी संगीता ठाकुर,प्रो०आर ए मिस्त्री, प्रो०पी सी शर्मा,दिवाकर शर्मा,जेपी सेनानी अशोक कुमार शर्मा,राजीव रंजन शर्मा, युवा नेता रणधीर शर्मा,मनोज शर्मा,पत्रकार रत्नेश शर्मा,रघुनाथ शर्मा भिखारी शर्मा,विद्या भूषण शर्मा, भारत भूषण शर्मा महेश कुमार शर्मा रंजीत कुमार शर्मा अमरनाथ शर्मा रविंद्र शर्मा,प्रशांत शर्मा,संजय कुमार,विक्की आनंद,अमरदीप कुमार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।