मुजफ्फरपुर (वरुण कुमार)। डी ए वी बखरी में चल रहे चरित्र निर्माण शिविर का आज दूसरा दिन था। आज के कार्यक्रम का शुभारंभ वेद मंत्रो से हुआ। विद्यालय परिसर में होने वाले यज्ञों में प्राचार्य, शिक्षकों और बच्चों ने भाग लिया। वैदिक मंत्रोच्चार से विद्यालय परिसर गुंजित था और वातावरण में सकारात्मकता का संचार हो रहा था। इसके बाद भजन कार्यक्रम हुए जिसमें प्रतिभागियों ने सुंदर प्रस्तुति दी। तत्पश्चात विद्वानों ने मंच से बच्चों को संबोधित किया।
आर्य समाजी ज्वलंत शास्त्री ने अपने संबोधन में महर्षि दयानंद सरस्वती के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जीवन अनुकरणीय है और हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। समाज सुधारक दयानंद सरस्वती के वैचारिक दर्शन के केंद्र में समाज का परिष्कार और परी शोधन और इसके लिए शिक्षा का बेहद महत्व है। शहर के प्रसिद्ध साहित्यकार संजय पंकज ने कहा कि आज के समाज में नैतिक व सामाजिक मूल्यों का अभाव है लेकिन डी ए वी विद्यालय ने भारतीय संस्कृति के संरक्षण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
दूसरे सत्र में भजन प्रतियोगिता और संस्कृत श्लोक प्रतियोगिता संपन्न हुई इसमें विभिन्न डी ए वी विद्यालयों के प्रतिभागियों ने भाग लिया और अपनी सुंदर प्रस्तुति दी। सारा कार्यक्रम आचार्य अनिल कुमार की देखरेख में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। अन्य विद्यालयों के प्राचार्यों की उपस्थिति प्रतिभागियों में उत्साहवर्धन कर रही थी। कार्यक्रम के प्रथम सत्र का मंच संचालन सत्योम शास्त्री ने किया
और दूसरे सत्र का डॉक्टर सिद्धि शंकर मिश्रा और लोकनाथ मिश्रा ने किया। डी ए वी विद्यालय के संस्कृत शिक्षकों की भूमिका अति महत्वपूर्ण रही।