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छात्र संगठन एआईएसएफ का त्रिदिवसीय 33 वां राज्य सम्मेलन ‘शिक्षा बचाओ’ रैली के साथ हुआ शुरू

–नई शिक्षा नीति और 4 वर्षीय स्नातक कोर्स को बिहार में  बर्खास्त करें राज्य सरकार:- एआईएसएफ
मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन का तीन दिवसीय 33 वां बिहार राज्य सम्मेलन ‘सार्वजनिक शिक्षा बचाओ महारैली’ के साथ शुरू हुआ।  ब्राह्मण भूमिहार कॉलेजिएट स्कूल गेट से लंगट सिंह महाविद्यालय तक प्रदेश के कोने-कोने से आए हुए हजारों छात्र प्रतिनिधियों ने सार्वजनिक शिक्षा बचाओ रैली निकाला। रैली के उपरांत कॉलेज के आचार्य जी बी कृपलानी सभागार में खुला सत्र का आयोजन संगठन के प्रदेश अध्यक्ष आमीन हामजा की अध्यक्षता व राज्य सम्मेलन के स्वागत महासचिव कंचन कुमार के संचालन में हुआ। जिसमें आए हुए प्रतिनिधियों एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए राज्य सम्मेलन स्वागत समिति के अध्यक्ष व बिहार विधान परिषद् सदस्य प्रो० संजय कुमार सिंह ने कहा कि एआईएसएफ का राज सम्मेलन ऐसे दौर में हो रहा है। जिस दौर में देश के अंदर सभी शिक्षा और रोजगार का बुरा हाल है। लगातार देश में आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक स्तर पर ह्रास हो रही है। राज सम्मेलन उस दौर में हो रहा है। जिस दौड़ में केंद्र में बैठी सरकार देश के अंदर सार्वजनिक शिक्षा को खत्म करना चाहती हैं।  केंद्र सरकार जहां अपना पसंदीदा एजेंडा शिक्षा और रोजगार को खत्म करना बना लिया है। उस दौर में एआईएसएफ के सम्मेलन का अपने आप में बड़ा महत्व है। हम आए हुए सभी प्रतिनिधियों का खुदीराम बोस, जुब्बा साहनी और मुजफ्फरपुर के मदन मोहन मालवीय स्वर्गीय लंगट सिंह की धरा पर स्वागत करते हैं और आप से अपील करते हैं कि लोकतांत्रिक तरीके से अपने इस तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन में गहन चिंतन विमर्श कर सार्वजनिक  शिक्षा और रोजगार को बचाने के लिए योजना बनाएं और नए सशक्त नेतृत्व का गठन कर संगठन को विश्वविद्यालय, कॉलेज, अंचल, गांव स्तर पर विस्तार कर देश के अंदर एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा करें। वही खुला सत्र का उद्घाटन करते हुए संगठन के राष्ट्रीय महासचिव विक्की महेश्वरी ने कहा कि हम इस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए सबसे पहले एआईएसएफ के तरफ से केंद्र सरकार को मणिपुर में हुई घटना के लिए लान्नत भेजते हैं। हम इस सम्मेलन की तरफ से केंद्र और मणिपुर के भाजपा सरकार की पुरजोर भस्तन्ना करते हैं। हम इस सम्मेलन से नई कार्य योजना बनाकर सरकार के सभी विफलता और अत्याचारों के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष करेंगे। सरकारी आती जाती रहती है मगर जिस तरह की स्थिति वर्तमान सरकार ने देश के समक्ष खड़ी कर दी है वह बहुत ही दयनीय है। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वाली सरकार के राज्य में महिलाओं को लंगा कर घुमाया जाता है और उसका सामूहिक बलात्कार किया जाता है। जिस देश में महिलाओं को देवी का उपाधि मिला हो उस देश में महिलाओं के साथ यह कुरूर व्यवहार सरकारों के इशारों पर हो रहा है जिसके खिलाफ संगठन संघर्ष तेज करेंगी। इसके लिए संगठन सड़कों पर सरकार को घेरने का काम करेगी। खुला सत्र को संबोधित करते हुए संगठन के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विजेंद्र केसरी ने कहा कि एआईएसएफ की गठन देश की आजादी आजादी के बाद देश के अंदर शांति प्रगति और वैज्ञानिक समाजवाद स्थापित करने के लिए हुई थी। संगठन ने कई बड़े-बड़े संघर्ष कर इस देश के अंदर आजाद भारत में कई जनहित, छात्र हित के कामों को किया है। हम अपने इतिहास को याद करते हुए आगे भी योजना बनाकर संगठन को मजबूत कर छात्र हित समाज हित में कार्य करेंगे। देश के छात्र नौजवानों के यह सरकार विज्ञान के बदले अंधविश्वास के तरफ ले जाना चाहती है। सरकार ने कई विषयों का सिलेबस अपने विचारधारा के अनुरूप बदल दिया है। सरकार अब छात्रों के कक्षाओं तक अपने विचारधारा को ठोपने का काम कर रही हैं। जिसे रोकना हमारा प्रथम कर्तव्य है। हम केंद्र सरकार से भगत सिंह रोजगार  कानून लागू करने की मांग करते हैं। वहीं इस कानून को लागू करवाने के लिए संघर्ष को तेज करेंगे। सम्मेलन के खुला सत्र को पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विश्वजीत कुमार, संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष रजनीकांत कुमार, राहुल कुमार यादव, शरद कुमार सिंह, राकेश कुमार, अभिषेक कुमार, शशि रंजन प्रताप, अरशद सिद्धकी, डाँक्टर इम्तेयाज जावेद आदि ने संबोधित किया। वही संगठन का प्रतिनिधि सत्र चंद्रशेखर भवन मिठनपुरा में देर रात तक चलती रही। वही दूसरे और तीसरे दिन का सभी सत्र चंद्रशेखर भवन मिठनपुरा में होगा। जिसमें वर्तमान स्थिति पर गहन चिंतन कर आगामी कार्य योजना बनाई जाएगी। वहीं नए नेतृत्व का गठन किया जाएगा।

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