मुजफ्फरपुर (वरुण कुमार)। अखिल भारतीय भगवान परशुराम परिषद के प्रधान कार्यालय परशुरामधाम बघनगरी में 15वें स्थापना दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया गया। जिसकी अधयक्षता संस्थापक अवधेश मिश्रा (संत जी) ने किया। मंच संचालन चंदशेखर प्रसाद सिंह संगठन के जिला महामंत्री ने किया।
कार्यक्रम के संयोजक अवधेश मिश्रा (संत जी) ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हमलोगो ने आज से कई वर्ष पूर्व समाज मे फैली विकृति को दूर करने के लिए आखिल भारतीय भगवान परशुराम परिसद की स्थापना की गई थी। आज हमलोग इस सफर में काफी आगे आ गए हैं। परिषद अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमे खुशी होती है कि अब युवाओ का साथ भी हर कदम पर मिल रहा है। युवा ब्रह्मर्षि भी अपने सामाजिक धरोहर को बचाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। कार्यक्रम के अवसर पर भार्गव स्मारिका का विमोचन किया गया।
मुख्य अतिथि नेपाल से आये ब्रह्मर्षि चंद्रिका ठाकुर ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक बेला है। हमलोग की एकजुटता देख कर कर ऐसा प्रतीत होता हैं कि हम अपने अतीत से शिखते हुए भविष्य की ओर अग्रसर हो रहे है। साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम की 51 फिट की मूर्ति देश मे सबसे बड़ी मूर्ति होगी। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ एच एन भारद्वाज ने कहा कि परिसद का कार्ये समाजहित में नया कृतिमान स्थापित कर रहा है। करीब 15 वर्षो से परिषद ब्रह्मर्षियों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिणिक और सांस्कृतिक विकास के लिए लगतार प्रयासरत है।
शिक्षाविद डॉ मोनालिशा राय ने कहा कि अब ब्रह्मर्षियों में नारी शक्ति भी काम कर रही हैं। हमारा इतिहास नारी शक्ति की गौरव गाथा से भरा पड़ा है। हमारी नारी शक्ति की ताकत समाज के सभी वर्गों में दिखाई दे रहा है।
वही नेपाल-भारत संबंधों के जानकार अमिय भूषण ने कहा कि भगवान परशुराम की जीवनी से हम सभी को सीखना चाहिए।
सीतामढ़ी से आय डॉ केशव ने कहा कि आधुनिक युग मे भगवान परशुराम की प्रसंगिगता बढ़ गई है।
इस अवसर पर राम एकबाल शर्मा, ब्रजभूषण चौधरी, राम किशोर सिंह, जितेंद्र नारायण ठाकुर, चंद्र कांत ठाकुर, डॉ अनमोल मिश्रा, नीलमणि मिश्रा, सरपंच राकेश मिश्रा, चंचला देवी समेत बड़ी संख्या में अन्य जिलों से आये ब्रह्मर्षि उपस्थित थे।