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जब मामला पहुँचा मानवाधिकार आयोग, तब सकते में आई तमिलनाडु पुलिस, शुरू की जाँच

–बेलारूस में पदस्थापित भारतीय राजदूत के भाई के मामले में तमिलनाडु पुलिस ने जाँच शुरू कर दी
–पीड़ित परिवार की ओर से मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा कर रहे हैं मामले की पैरवी
मुजफ्फरपुर (वरुण कुमार)। बेलारूस में भारत के राजदूत आलोक रंजन झा के अपने खास चचेरे भाई रवि कुमार झा का मामला जब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली पहुँचा, तब जाकर तमिलनाडु पुलिस सकते में आई है। तमिलनाडु पुलिस ने परिजनों से आज आवेदन लेकर जाँच शुरू कर दिया है। विदित हो कि पूर्वीचम्पारण जिले के कुंडवा चैनपुर थाना के तेलहारा कलां गांव के निवासी विनोदानंद झा के पुत्र रवि कुमार झा, जो पेशे से इंजीनियर है, जिन्हे चेन्नई के एक कंपनी ने काम के लिए बुलाया था और ट्रेनिंग करवाया था। ट्रेनिंग के बाद उन्हें सेल्समैन का काम दिया गया। लेकिन वे उस कंपनी में नौकरी नहीं किए। तब वे अपने घर लौटने के लिए चेन्नई के एक होटल में रुक गये। होटल वाले ने परिजनों को फ़ोन किया और पैसे का माँग किया। तब परिजन चेन्नई के उस होटल में पहुँचे, जहाँ उक्त होटल वाले ने रवि के परिजनों से पैसे की उगाही किया और कोई जानकारी नहीं दिया। परिजनों को आशंका हुई, तब उन्होंने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। स्थानीय पुलिस ने परिजनों को डांट – फटकार कर भगा दिया। तब परिजन वहाँ से सीधे घर आये और मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा से संपर्क स्थापित किए और उन्होंने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली व तमिलनाडु राज्य मानवाधिकार आयोग, चेन्नई में दो अलग – अलग याचिका दायर की तथा मामले की पूरी जानकारी राष्ट्रपति सचिवालय, नई दिल्ली को दी गई। मामले में खुद को उलझता देख तमिलनाडु पुलिस ने आज परिजनों के आवेदन को लिया है और जाँच शुरू कर दिया है। मामले के संबंध में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि तमिलनाडु पुलिस अगर तकनिकी रूप से मामले की जाँच करती है और उक्त होटल वाले से सख़्ती से पूछताछ करती है तो रवि कुमार झा की सकुशल और सुरक्षित बरामदगी जल्द-से-जल्द हो जाएगी। हमलोग भी अपने स्तर से पूरा प्रयास कर रहे हैं। मुझे कानून में पूरी आस्था है। हमलोग रवि कुमार झा की सकुशल और सुरक्षित बरामदगी जल्द-से-जल्द करवाने में अवश्य सफलता प्राप्त करेंगे।

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