–21 जनवरी को मनाया जाएगा मौनी अमावस्या व्रत
मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को माघी या मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस बार यह व्रत 21 जनवरी शनिवार को है। शनिवार को अमावस्या तिथि पड़ने के कारण इसे शनिचरी अमावस्या भी कहा जाएगा। साथ ही इस दिन प्रयागराज में शाही स्नान भी किया जाता है। पद्म पुराण में बताया गया है कि मोनी अमावस्या के दिन मौन रहकर किए गए जप-तप और दान से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं, और भगवान विष्णु प्रसन्न होकर साधक को सुखद व शांतचित्त जीवन प्रदान करते हैं। आचार्य सुजीत शास्त्री (मिट्ठू बाब) ने बताया कि मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन धर्म-कर्म के कार्यों को करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। पंडित सूरज शास्त्री ने बताया कि अमावस्या तिथि पर स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर पूजन करना बहुत उत्तम माना जाता है। इस दिन कंबल,फल, गर्म कपड़े ,अन्न इत्यादि का दान करने का विशेष महत्व है। पंडित विद्याभूषण द्विवेदी (भोला जी) ने बताया कि माघ का महीना भगवान विष्णु को अति प्रिय है। इस महीने किए गए जप- तप, दान और पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। पंडित सुशांत तिवारी ने बताया कि जो लोग कुंभ नदी में जाकर स्नान नहीं कर सकतें वह घर में गंगा जल मिलाकर सभी तीर्थों का आवाहन करते हुए स्नान कर सकते हैं। मौनी अमावस्या के दिन पूरे दिन मौन रहा जाता है इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहते हैं ।जैसे कि इसके नाम से जानकारी मिलती है मौनी अर्थात मौन रहना।