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बेलारूस में भारत के राजदूत के चचेरे भाई हुए मानव तस्करी का शिकार

–राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में याचिका दायर
–पीड़ित परिवार की ओर से मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा कर रहे है मामले की पैरवी
मुजफ्फरपुर (वरुण कुमार)। बेलारूस में भारत के राजदूत आलोक रंजन झा के अपने खास चचेरे भाई रवि कुमार झा का मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली पहुँच गया है। विदित हो कि पूर्वीचम्पारण जिले के कुंडवा चैनपुर थाना के तेलहारा कलां गांव के निवासी विनोदानंद झा के पुत्र रवि कुमार झा, जो पेशे से इंजीनियर है, जिन्हे चेन्नई के एक कंपनी ने काम के लिए बुलाया था और ट्रेनिंग करवाया था। ट्रेनिंग के बाद उन्हें सेल्समैन का काम दिया गया। लेकिन वे उस कंपनी में नौकरी नहीं किए। तब वे अपने घर लौटने के लिए चेन्नई के एक होटल में रुक गये। होटल वाले ने परिजनों को फ़ोन किया और पैसे का माँग किया। तब परिजन चेन्नई के उस होटल में पहुँचे, जहाँ उक्त होटल वाले ने रवि के परिजनों से पैसे की उगाही किया और कोई जानकारी नहीं दिया। परिजनों को आशंका हुई, तब उन्होंने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। स्थानीय पुलिस ने परिजनों को डांट – फटकार कर भगा दिया। तब परिजन वहाँ से सीधे घर आये और मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा से संपर्क स्थापित किए और उन्होंने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली व तमिलनाडु राज्य मानवाधिकार आयोग, चेन्नई में दो अलग – अलग याचिका दायर की तथा मामले की पूरी जानकारी राष्ट्रपति सचिवालय, नई दिल्ली को दी गई। मामले के संबंध में मानवाधिकार मामलो के अधिवक्ता एस. के. झा ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह मामला मानव तस्करी का प्रतीत होता है, मामला काफी गंभीर है, पीड़ित परिवार काफी घबराया हुआ है, मुझे आयोग पर पूरा भरोसा है, हम कानूनी तरीके से अपनी लड़ाई शुरू कर दिये हैं। रवि की सुरक्षित व सकुशल बरामदगी हो सकें, इस दिशा में हमलोग कार्य कर रहे हैं।

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