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सुप्रीम कोर्ट ने बाल पोर्नोग्राफी देखने पर सख्त चेतावनी जारी की

मुजफ्फरपुर (वरुण कुमार)। औलिया अध्यात्मिक अनुसंधान केन्द्र औलिया दरबार एवम कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत मध्य विद्यालय पुरखोली सहित गोपालपुर, अबुल हसनपुर गांव में बाल विवाह,बाल श्रम, बाल यौन शौषण से मुक्ति के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। इस जागरूकता अभियान में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बाल पोर्नोग्राफी देखने पर जो सख्त चेतावनी जारी की है उसके सम्बन्ध में बच्चो एवम समुदाय को जागरूक किया गया। हाल ही में मद्रास हाई कोर्ट के निर्णय के संदर्भ में विवाद और कानून की जांच का मामला संपूर्ण देश में खोल दिया गया है। देश की विभिन्न गैर सरकारी संगठनों सहित औलिया अध्यात्मिक अनुसंधान केन्द्र औलिया दरबार, वैशाली सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए बच्चो की ऑनलाइन शोषण से बचाने की महत्वपूर्ण ता को उजागर किया है। यह निर्णय साबित करता है की बच्चो को ऑनलाइन शोषण से बचाने के लिए कानूनी सुधारो और कार्रवाई को मजबूत करने की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट ने बच्चो के ऑनलाइन यौन शौषण के खिलाफ लड़ाई में तत्परता को जोर दिया गया है जो सही कदम है।लोगो को बाल पोर्नोग्राफी देखने पर चाहे वो निजी हो या सार्वजनिक स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा निगरानी के अधीन आने की चेतावनी दी जाती है।

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