खबरें बिहार

राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए 29 को पटना में शंखनाद करेगा बढ़ई समाज : शिवपूजन ठाकुर

–ऐतिहासिक होगी बढ़ई अधिकार रैली, तैयारी अंतिम चरण में : डॉ. हेमनारायण विश्वकर्मा*

पटना (वरुण कुमार)। बढ़ई अधिकार रैली आयोजन समिति की पटना के केदार भवन में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए नेता राम भरोस शर्मा ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियां बढ़ई जाति का वोट तो लेती है, मगर कोई भी पार्टी बढ़ई समाज के नेता को टिकट नहीं देती है। यही कारण है आजादी के 77 साल बाद भी सत्ता में बढ़ई समाज की भागीदारी शून्य है। इस समाज के खिलाफ कई काले कानून बना दिये गये हैं। हजारों लोग जेल जा चुके हैं। बढ़ई लोगों पर जुल्म बढ़ता जा रहा है। 98% बढ़ई भूमिहीन हैं, जबकि 84% मजदूर हैं। सरकार की गलत नीतियों के कारण लकड़ी-लौह आधारित पेशा समाप्त होता जा रहा है।
शिवपूजन ठाकुर ने कहा कि बढ़ई-लोहार को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं है। जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के अनुसार बढ़ई लोगों की संख्या 20 लाख है। हमसे कम जनसंख्या वाला समाज सत्ता में पहुंच गया है, जबकि बढ़ई समाज का कोई सुनने वाला नहीं है।
नेता मदन शर्मा ने कहा कि बढ़ई अपने हक-हुकूक की लड़ाई खुद लड़ेगा। राजनीतिक उपेक्षा हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारी आबादी के अनुसार लोकसभा में पार्टियां हिस्सेदारी नहीं देगी, तो विधान सभा में बढ़ई अपने वोट की चोट से आर-पार की लड़ाई लड़ेगी।
रैली आयोजन समिति के मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ. हेम नारायण विश्वकर्मा ने कहा कि 77 सालों से सभी राजनीतिक पार्टियों ने बढ़ई समाज को ठगने और छलने का काम किया है। अब बढ़ई समाज ठगाने वाला नहीं है।
सरकार से बढ़ई समाज की प्रमुख मांगे हैं – संख्या बल के आधार पर सत्ता में हिस्सेदारी दो, विश्वकर्मा आयोग का गठन करो, बढ़ई को अनुसूचित जाति में शामिल करो, लकड़ी-लोहा व्यवसाय पर बढ़ई लोहार को अधिकार दो, सभी काष्ठकर्मी को निर्माण कल्याण बोर्ड से निबंधित करो, कार्यालयों में बढ़ईगिरी पद पर केवल बढ़ई जाति को बहाल करो, आरा मिल का लाइसेंस बढ़ई जाति के लिए सुरक्षित करो।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनिल शर्मा, मुन्ना शर्मा, कप्तान राजेन्द्र शर्मा, जनेश्वर शर्मा, रविन्द्र शर्मा, महेश कुमार शर्मा, रामचन्द्र शर्मा, विजय शर्मा, अजय शर्मा, बिनोद शर्मा, उपेन्द्र शर्मा, सियाराम शर्मा, वल्लीराम विश्वकर्मा, रंजीत शर्मा, विरेन्द्र शर्मा आदि मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *