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विश्वकर्मा समाज की पीड़ा आज भी संसद,विधानमंडल में नहीं उठ रही: डॉ. विश्वकर्मा

मुजफ्फरपुर(जनमन भारत संवाददाता) । विश्वकर्मा एसोसिएशन द्वारा सकरा के राज विवाह भवन पैलेस में भगवान विश्वकर्मा जयंती समारोह आयोजित वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता भोला ठाकुर की अध्यक्षता में की गई। अध्यक्षीय संबोधन में भोला ठाकुर ने समाज को जोड़ने पर बल दिया।
विश्वकर्मा जयंती समारोह को दीप प्रज्वलित कर उदघाटन करते हुए मुख्य अतिथि विश्वकर्मा एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.हेम नारायण विश्वकर्मा ने कहा कि भारतीय संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में सबको भागीदारी के लिए ही समान मताधिकार प्रदान किया गया था अवसर की समता के बावजूद विश्वकर्मा समुदाय की पीड़ा आज भी संसद व विधान मंडल में नहीं उठ रही है। ज्ञान कला के दक्ष कास्ट शिल्पी राष्ट्रीय मुख्यधारा से आज भी वंचित है। भारतीय संविधान के अवसर की समता के साथ-साथ व्यक्ति की गरिमा व प्रतिष्ठा सुनिश्चित करने का वचन है। गांधी के ताबीज वाले व्यक्ति की आज भी अपेक्षा जारी है। विश्वकर्मा समाज के करवट बदलने से ही बिहार के सत्ता में परिवर्तन हो जाता है, इसका एहसास समाज को होने लगा है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रवक्ता धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि समाज के स्वाभिमान को जगा कर व्यापक गोलबंदी के साथ ही संसाधनों तथा सत्ता में अनुपातिक हिस्सेदारी के लिए समाज के सभी लोगों को जागरूक करना होगा।
राम बालक शर्मा ने कहा कि हम अपने समाज को सशक्त बना कर दूसरे के लिए सहायक बने यह हमारी प्राथमिकता है। सभी विश्वकर्मा बंधुओं ने भगवान विश्वकर्मा के चित्रों पर माल्यार्पण किया। अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने समाज को एक सूत्र में बांधने की अपील की।
 मंच का संचालन राज किशोर शर्मा ने किया,जबकि धन्यवाद ज्ञापन चंदन शर्मा किया।
समारोह में मुख्य रूप से मिथुन शर्मा लोकगीत गायक अशोक शर्मा,महेश कुमार शर्मा  दिनेश शर्मा अशोक शर्मा सतीश पासवान रंजीत शर्मा शर्मा संजीत शर्मा अर्जुन शर्मा डॉ.पी.एन.शर्मा रामचंद्र शर्मा राम नारायण शर्मा योगेंद्र शर्मा पिंटू शर्मा प्रियरंजन राम नाथ शर्मा चंदन शर्मा प्रसांत राज आदि  थे।

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