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ऑटिज्म एक न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर है जिसमे संवाद, सदभाव और व्यवहार के विकास में कठनाई होती है: डॉ. अरुण शाह

मुजफ्फरपुर (वरुण कुमार)।
Qआज विश्व ऑटिज्म जागरुकता दिवस है इसको मनाने का क्या लक्ष्य या उद्देश्य है ?
जागरुकता दिवस मनाने का लक्ष्य है कि इस रोग को समय पर पहचानना इसका उचित इलाज और ऐसे बच्चो को समाज की मुख्य धारा में शामिल करके सामान्य जीवन बिताने का है साथ ही मोबाइल एडिक्शन से दूर रखने का है
ये भी मैसेज है की परिवार अपने छोटे बच्चो को अधिक से अधिक समय दे उनके साथ समय बिताए उनके साथ बात करे और उनके साथ खेले
 ये बहुत चिंता की बात है कि ऑटिज्म बीमारी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है पिछले 15 साल में ये बीमारी 10 गुना बढ़ी है पूरे विश्व में ऑटिज्म की संख्या में वृद्धि हो रही है लाखो बच्चे इस रोग से ग्रसित है  भारत में प्रति 68 बच्चो में एक बच्चा ऑटिज्म का शिकार है
Qऑटिज्म क्या है
ऑटिज्म एक न्यूरो डेवलपमेंटल डिसऑर्डर है जिसमे संवाद सदभाव और व्यवहार के विकाश में कठनाई होती है।
अगर आपका 1 वर्ष से 2 वर्ष का बच्चा आपकी आवाज पर ध्यान नहीं दे अनसुना कर दे आपसे आंख से आंख नहीं मिलाए  अपनी उम्र के बच्चे के साथ खेलना नही पसंद करे
अपनी ही दुनिया में रहे एक ही चीज को बार दोहराएं या एक ही बात को बार बार दोहराएं या आपके कही हुई बात को बार दोहराएं और 18 महीने की उम्र तक कोई भी अर्थपूर्ण सब नही बोले तो  तो ये ऑटिज्म हो सकता है
इसके कई प्रकार होते है जिसे ऑटिस्टिक स्पेक्ट्रम डिसोर्डर के नाम से जाना जाता है ऐसे बच्चो का आंख का जांच और हियरिंग टेस्ट कराना चाहिए ऐसे बच्चो को यथा संभव डेवलपमेंटल पेडियाट्रिशियन के पास विशेष इलाज के लिए भेज देना चाहिए
Qऑटिज्म का क्या कारण है
अभी तक इसके मूल कारण का पता नही चला है किंतु अध्यन से पता चला है कि इसका मूल कारण अनुवांशिक यानी जेनेटिक ट्रेट है एक कारण जो माना जा रहा है की ऐसे बच्चो में जिनमे अनुवांशिक अवगुण हो उन्हें अगर मोबाइल एडिक्शन या अत्यधिक स्क्रीन की लत लग जाए तो ये बीमारी प्रकट हो जाती है
Qक्या इस तरह का बच्चा सामान्य जीवन बिता सकता है
हा इस तरह का बच्चा अगर सही समय पर सही जगह पर multidisciplinary team उपचार हो तो उसे समाज के मुख्य धारा से जोड़ा जा सकता है
Qक्या इस तरह का बच्चा सामान्य स्कूल में शामिल हो सकता है
नही इन्हे स्पेशल स्कूल में ही भर्ती किया जाना चाहिए क्यों की ये बच्चे सामान्य बच्चो से घुल मिल नही पाते
Qक्या इस तरह का बच्चा सामान्य जीवन बिता सकता है?
बिल्कुल इस तरह का बच्चा सामान्य जीवन बिता सकता है बशर्ते समय पर रोग की पहचान हो जाए और उसका उपचार शुरू हो जाए जैसे स्पीच थेरेपी बिहेवियर थेरेपी कॉग्निटिव थेरेपी ऑक्यूपेशनल थेरेपी तो अप्रत्याशित सुधार हो सकता है
Qक्या इसकी कोई दवा होती है
नही अभी तक इसकी कोई दवा उपलब्ध नहीं है
Qक्या इस तरह का बच्चा मानसिक रूप से कमजोर होता है
वास्तव में ज्यादा बच्चे इंटेलिजेंट या सुपर इंटेलिजेंट होते है सिर्फ 30 फीसदी बच्चो में बौद्धिक विकाश नही होता है
 Qपरिवार की क्या भूमिका होनी चाहिए
समय पर रोग को पहचानना और समय पर विशेषज्ञ द्वारा इलाज। ये भी मैसेज है की परिवार अपने छोटे बच्चो को अधिक से अधिक समय दे उनके साथ समय बिताए उनके साथ बात करे और उनके साथ खेले
Q समाज की क्या भूमिका होनी चाहिए
ऑटिज्म से ग्रस्त बच्चे या बड़े के साथ भेदभाव नहीं करे उन्हे हेय दृष्टि से संबोधित ना करे
उन्हें  सम्मान दे प्रोत्साहित करे हौसला अफजाई करे
हमे यह याद रखना चाहिए की हर प्राणी अलग है और उसकी शारीरिक और मानसिक छमता अलग अलग है।

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