–ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल, पकड़ी में स्त्री- रत्नों का अंगवस्त्र और सम्मान पत्र से हुआ अभिनंदन
–‘अपनी शक्ति और सेवा से प्रेरित करती हैं महिलाएं, प्रकृति ने असीम क्षमता से महिलाओं को संपन्न किया है’: डॉ अरुण साह
–डॉ संजय पंकज ने मातृ शक्तियों का आह्वान किया और कहा कि आप आएं और भारत के भविष्य इन बच्चों को संवारने का अवसर प्रदान करें, सहयोग करें
मुजफ्फरपुर (वरुण कुमार)। ” आज हर क्षेत्र में महिलाएं बढ़-चढ़कर कर भागीदार हो रही हैं। उन्हें जब भी अवसर मिलता है वे राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा से पहचान बनाती हैं। अपनी शक्ति और सेवा से प्रेरित करती हैं महिलाएं। प्रकृति ने असीम क्षमता से महिलाओं को संपन्न किया है। अपने हर रूप में स्त्री श्रेष्ठ और महान है। ” ये बातें पकड़ी स्थित ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अरुण साह ने कही। डॉ साह ने अनेक प्रतिभाशाली महिलाओं का उल्लेख करते हुए आगे कहा कि धरती क्या अब तो अंतरिक्ष में भी महिलाएं वैज्ञानिक के रूप में पहुंच रही हैं, पहाड़ की चोटियों पर मचल रही हैं, खेल के मैदान में अपना लोहा मनवा रही हैं। ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल ने शिव जयंती के अवसर पर महिलाओं को सम्मानित करने का जो आस्था पूर्ण भाव प्रस्तुत किया है उसके लिए मैं हृदय से धन्यवाद देता हूं।
साहित्यकार डॉ संजय पंकज ने कई काव्य पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा कि यह अवसर महिलाओं की उपलब्धियों को सम्मानित करने का है, उनके अधिकार के लिए पहल करने का है, उनकी सहभागिता के लिए उनके प्रति आभार प्रकट करने का है। सकारात्मक शक्तियों से भरी हुई महिलाएं रिश्तों के बड़े संसार को संभालती हैं और आनंदित होकर जीती है। वे संघर्ष से टूटती नहीं हैं।दुखों, संकटों और विघ्नों को शिव की तरह पी जाती हैं। धैर्य, साहस और करुणा की प्रतिमूर्ति होती हैं स्त्री। डॉ पंकज ने वैदिक काल से आधुनिक काल तक की स्त्री शक्तियों का उल्लेख किया तथा उनकी वैश्विकता को निरूपित किया और आगे कहा कि काम कोई भी हो स्त्री उसे पूजा की तरह स्वीकारती है और बेहिचक करती हैं। स्त्री की समानता धरती से है। वह सृजन और पालना की धुरी होती है। मैं मातृ शक्तियों का आह्वान करता हूं कि आप आएं और भारत के भविष्य इन बच्चों को संवारने का अवसर प्रदान करें। ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल संस्कार, संस्कृति तथा आचरण से इन बच्चों की प्रतिभा को विकसित करता है और उन्हें सही अर्थ में मनुष्य बनाता है तो इससे बड़ी राष्ट्र सेवा और क्या हो सकती है। अपने संबोधन में अपर समाहर्ता, गुमला आफताब आलम ने कहा कि आज का दिन शिव पार्वती का दिन है। पुरुष और स्त्री जब तक एक दूसरे के पूर्ण सहयोगी नहीं होते हैं तब तक उन्हें पूर्णत्व प्राप्त नहीं होता है। अर्धनारीश्वर शिव और शक्ति का समन्वय है। अतिथियों का स्वागत शिक्षाविद और ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल के संस्थापक सुधीर कुमार ने किया। स्वागत संबोधन में अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा ने कहा कि शहर के कोलाहल से दूर इस शांत प्राकृतिक वातावरण में आज हम मातृशक्ति को प्रणाम अर्पित कर रहे हैं। इनके बिना परिवार, समाज और राष्ट्र की बेहतर कल्पना नहीं की जा सकती है। समाजसेवी शशि कुमार सिंह ने कहा कि बच्चे केवल अर्थोपार्जन की मशीन नहीं बनें, वे मनुष्य बनें इसके लिए मातृ शक्ति के सहयोग की आवश्यकता है। शिक्षा, संस्कृति और समाज सेवा से जुड़ी वंदना शर्मा ने कहा कि मां में वह शक्ति होती है कि वह प्राण की रक्षा करते हुए उसे आकार देती हैं। महिला पुरुष की सहयोगी होती हैं दोनों के साझा प्रयास से ही परिवार का संतुलन रहता है। मुकेश त्रिपाठी ने कहा कि पुरुष के समग्र विकास में स्त्री का जो समर्पण होता है उससे कभी उऋण नहीं हुआ जा सकता है।
इस अवसर पर प्रतिभा शक्ति सम्मान से मड़वन प्रखंड प्रमुख रेणु देवी, प्रधानाध्यापिका डॉ मोनालिका मिश्रा, डीआरडीए निदेशक कटिहार शदफ आलम, नीलम कुमारी, प्रतिभा देवी, रेणुका शर्मा, वंदना शर्मा, राजप्रिया, जमीला खातून, मीना कुमारी, सपना राज, कुमारी शोभा, अरुणिमा, वीणा मानवी, डॉ अनु शांडिल्य, विभु कुमारी साधना राय को अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। आयोजन को नवल किशोर,डॉ केशव किशोर, सुधांशु राज, सुगंध, प्रभास, सुनील गुप्ता आदि ने भी संबोधित किया। संचालन करते हुए संस्कृति कर्मी और पत्रकार अनिल विद्रोही ने कहा कि हमारी पहचान हमारी संस्कृति से होती है और संस्कृति को संरक्षित हमारी मातृशक्ति करती हैं। संस्कृति और मातृशक्ति ही भारत के भविष्य बच्चों को संस्कार संपन्न करती हैं। धन्यवाद ज्ञापन अखिलेश चंद्र राय ने किया और कहा कि बच्चों के समग्र विकास में साहित्य, संस्कृति और खेलकूद का भी महत्व है और यह काम हमारी स्त्री शक्ति बहुत आसानी से बात-बात में करती हैं।