–पुण्यतिथि आयोजन में एक स्वर में कहा – डॉ श्रीकृष्ण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करे सरकार। उनकी जीवनी छात्रों को पढ़ाई जाए
मुजफ्फरपुर (वरुण कुमार)। आमगोला स्थित शुभानंदी परिसर में बिहार केसरी डॉ श्रीकृष्ण सिंह की पुण्यतिथि पर आयोजित ‘सांस्कृतिक व्यक्तित्व श्रीकृष्ण सिंह’ विषयक विमर्श में बोलते हुए साहित्यकार डॉ संजय पंकज ने कहा कि श्रीकृष्ण सिंह केवल सफल राजनेता और बिहार के निर्माता मुख्यमंत्री ही नहीं थे, वे एक अध्येता, चिंतक और सांस्कृतिक व्यक्तित्व भी थे। वे समरस समाज के हिमायती, अनेक रूढ़ियों के भंजक तथा सकारात्मक सोच के ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने पूरी निष्ठा से बिहार के समग्र विकास के लिए काम किया।
उन्होंने औद्योगिक जाल बिछा दिया। डॉ श्रीकृष्ण सिंह विभिन्न विषयों के ज्ञाता सच्चे अर्थों में मूल्य और मनुष्यता के सहयात्री थी। उन्हें अब तक भारत रत्न से सरकार ने सम्मानित नहीं किया है यह दुख की बात है। उनकी जीवनी को प्रारंभिक वर्ग से लेकर उच्च वर्गों तक में पढ़ाया जाना चाहिए ताकि उनके कार्यों से पीढ़ियां परिचित हो सके।
अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा ने कहा कि श्रीबाबू विकास पुरुष थे। उनकी तुलना बिहार के किसी मुख्यमंत्री से नहीं की जा सकती है। उनके किए हुए कार्यों को अगर सरकार बचा लेती यही बिहार के लिए उपलब्धि होती। सेंट्रल बैंक के अवकाश प्राप्त पदाधिकारी प्रणय कुमार ने कहा क श्रीबाबू सबका सम्मान करते थे। उनकी विचारधारा राष्ट्र निर्माण की थी। वे एक स्वतंत्रता सेनानी, त्यागी और संत पुरुष थे। डॉ श्री कृष्ण के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद उद्गार व्यक्त करने वालों में सर्वश्री संजीव साहु, अखिलेश राय, सुगंध कुमार, सुधांशु राज, राकेश कुमार सिंह, प्रेमभूषण चैतन्य चेतन आदि थे।