-बिहार मानवाधिकार आयोग ने जारी किया नोटिस
-मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा की याचिका पर जारी किया गया नोटिस
मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। जिले में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी योजना में हो रही अनियमितता के मामले में बिहार मानवाधिकार आयोग ने डीएम और नगर आयुक्त को नोटिस जारी किया है। आयोग ने इन दोनों से जवाब मांगा है। विदित हो कि स्मार्ट सिटी योजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। एक तरफ सरकार इस योजना में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं जिले में इस योजना की हालत खस्ताहाल बनी हुई है। सड़क पर गड्ढे खोद कर कई दिनों तक उन्हें ऐसे ही छोड़ दिया जाता हैं। आये दिन लोग गड्ढों में गिर चोटिल होते रहते हैं। निर्माण कार्य में भी गुणवत्ता का सर्वत्र अभाव है। पाइप बिछाने के बाद महीनों तक सड़क का निर्माण नहीं कराया जाता। मामले के संबंध में मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने आयोग के समक्ष एक याचिका दायर की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए आयोग ने डीएम व नगर आयुक्त को नोटिस जारी किया है। आयोग ने सुनवाई की अगली तिथि 2 जून निर्धारित की है। मामले के संबंध में श्री झा बताते है कि स्मार्ट सिटी योजना में हो रही लापरवाही और अनियमितता ने शहर की स्थिति नारकीय बना दी है। सड़क पर जगह-जगह खोदे गए गड्ढों में प्रतिदिन राहगीर गिरते और चोटिल होते रहते है। कुछ दिन पहले मैं स्वयं भी ऐसे ही एक गड्ढे में अपनी मोटरसाइकिल सहित गिर गया, जिससे मुझे तो चोट आई ही, मेरी गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई। निर्माण कार्य भी गुणवत्तापूर्ण नहीं हो रहा, इसकी सूचना मुझे स्थानीय लोगों से ही प्राप्त हुई। अब आयोग ने डीएम व नगर आयुक्त को नोटिस जारी किया है। मामले में उच्चस्तरीय जांच की नितांत आवश्यकता है। साथ ही, जब मुख्य मार्ग पर निर्माण हो रहा हो तो स्थानीय जनजीवन प्रभावित न हो, इसके लिए एक वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जानी चाहिए।