

मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी मनाई जायेगी। इस बार अनंत चतुर्दशी नौ सितंबर को है। इस दिन गौरी-गणेश के पूजन के साथ भगवान विष्णु का पूजन भी किया जाएगा। साथ ही पूजन के बाद 14 गांठो बाला अनंत सूत्र में बांह बांधा जायेगा। मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के व्रत से पुण्य का क्षय नहीं होता है. इस व्रत को करने से सभी संकटों से मुक्ति मिल जाती है. आचार्य सुजित शास्त्री मिट्ठू बाबा ने कहा कि यह व्रत मध्यान्ह में किया जाता है। वैसे भी चतुर्दशी तिथि इस दिन शाम 5:35 तक है, इसलिए तिथि को लेकर संशय नहीं है। मिट्ठू बाबा ने कहा कि जब पांडव जुए में अपना सब कुछ हार कर वन में भटक रहे थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने की सलाह दी थी। इसके बाद उनके संकट समाप्त हो गए थे।
मिट्ठू बाबा ने यह भी कहा कि अनंत सूत्र धारण करने से हर तरह की मुसीबतों से रक्षा होती है. साथ ही साधकों का कल्याण होता है. पुरुष इसे दाहिने बांह में व महिलाएं बायें बांह में बांधते हैं।