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महात्मा नारायण दास ग्रोवर जी का जीवन अनुकरणीय

मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। डीएवी पब्लिक स्कूल, खबड़ा में डीएवी आंदोलन के सशक्त पुरोधा, आर्य समाज के प्रमुख स्तंभ तथा गांधी जी के अनुयायी महात्मा नारायण दास ग्रोवर जी की पुण्यतिथि संकल्प दिवस के रूप में मनाई गई । इस महान शिक्षाविद् का जन्म 15 नवम्बर 1923 को तथा महापरायण 06 फरवरी 2008 में हुआ था  ।वे आर्य समाज के ऐसे कार्यकर्ता थे, जिन्होंने एंग्लो वैदिक कॉलेज आंदोलन (ड़ीएवी आंदोलन) मे प्रमुख भूमिका निभाई थी। लगभग दो सौ से अधिक विद्यालयों की स्थापना झारखंड, बिहार, बंगाल और ओडिशा राज्यों मे करके आजीवन अवैतनिक सेवा किये। वे डीएवी कॉलेज मैनेजमेंट कमिटी के उपाध्यक्ष एवं पटना  प्रक्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक रहे।विद्यालय में यह समारोह वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ शुरू किया गया, जिसमें विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षकों तथा शिक्षकेतर कर्मचारियों ने  महात्मा नारायण दास ग्रोवर जी के तैल्य चित्र पर श्रद्धा पुष्प अर्पित किये। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य मनोज कुमार झा ने कहा कि महात्मा जी का जीवन दर्शन अनुकरणीय है। हमे इनके त्याग व तपस्या से शिक्षा लेनी चाहिए।शिक्षा के क्षेत्र में खास कर उड़ीसा, बिहार,उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश एवं झारखंड में उनका योगदान अतुलनीय है। शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए डीएवी ने ग्रोवर को डीएवी का गांधी, दधिचि ऋषि एवं कर्मयोगी की उपाधि से सम्मानित किया। गरीब बच्चों को शिक्षा एवं समाज के मुख्य धारा से जोड़ने में महात्मा ग्रोवर का अहम योगदान रहा है। इसके लिए उन्होंने विभिन्न प्रकार के लगभग 250 शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना देश के विभिन्न हिस्सों में किया। इनमें आज हजारों छात्र-छात्राएं  शिक्षा-दीक्षा ग्रहण कर रहे हैं।शिक्षा के क्षेत्र में महात्मा ग्रोवर साहब को अवतार के रूप में जाना जाता है।वे मानवता के सच्चे पुजारी थे,अब उनकी स्मृतिशेष मात्र रह गई है। उक्तअवसर पर हवन का भी कार्यक्रम रखा गया था।कार्यक्रम के समापन में विद्यालय के  शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों ने उनके साथ व्यतीत किए हुए समय  तथा उनके त्याग तपस्या एवं कर्मठता का

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