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साहित्यकार संजय पंकज का जन्मोत्सव प्रणव पर्व के रूप में आयोजित हुआ

मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। सुप्रसिद्ध कवि गीतकार डॉ संजय पंकज के जन्मदिन पर आमगोला स्थित सुख शांति भवन में प्रणव पर्व का आयोजन किया गया। अध्यक्षीय संबोधन में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ महेंद्र मधुकर ने कहा कि संजय पंकज का सामाजिक सरोकार ही उन्हें सार्थक और समर्थ रचनाकार बनाता है। उनकी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता मूल्य, मनुष्यता के लिए है जिसे वे अपने गीतों में निरंतर व्यापक अर्थ देते हुए प्रस्तुत करते हैं। डॉ पंकज निरंतर लिख रहे हैं और पूरे देश में सम्मानित हो रहे हैं यह हमारे लिए गौरव की बात है। जन्मोत्सव का शुभारंभ दीप प्रज्वलन तथा केक काटने के साथ ही आए हुए गणमान्य लोगों की शुभकामना से हुआ।

वरिष्ठ राजयोगिनी रानी दीदी ने अपने आशीर्वचन और उद्गार में कहा कि हर व्यक्ति के भीतर ईश्वर विशेष गुण भरकर भेजता है। संजय पंकज भाई के भीतर जो गुण है उसका प्रसार आज शुभ भाव के साथ समाज और देश में हो रहा है। संचालन करते हुए डॉ अरुण कुमार सिंह ने विषय प्रवेश के क्रम में कहा कि संजय पंकज को मुजफ्फरपुर प्यार करता है और यह मुजफ्फरपुर के सकारात्मक भाव का अभिनंदन करते हैं। आचार्य जानकीवल्लभ शास्त्री के स्नेह सानिध्य में इनकी प्रतिभा का निरंतर विकास हुआ। राउरकेला उड़ीसा से आए हुए मुख्य अतिथि हिंदी के जाने-माने लेखक और नव गीतकार डॉ अनिल कुमार सिंहदेव ने कहा कि संजय पंकज यायावर साहित्यकार हैं। ये अपनी यात्राओं से जो अनुभव हासिल करते हैं उसे रचनात्मक रूप देते हैं। डॉ पंकज शब्द साधक और लेखनी समृद्ध हैं। इनके गीत संवेदना और अभिव्यक्ति के नए द्वार खोलते हैं। डॉ रिपुसूदन श्रीवास्तव ने कहा कि संजय पंकज देश के सम्मानित कवि हैं। इनकी प्रतिभा हिंदी भाषा साहित्य की सेवा के लिए समर्पित है।

बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि संजय पंकज मुजफ्फरपुर की धरोहर हैं और हमें इन पर नाज है। डॉ पूनम सिन्हा ने कहा कि संजय पंकज का सांस्कृतिक व्यक्तित्व जितना प्रिय है उतना ही श्रेष्ठ उनका साहित्य सृजन है। डॉ देवव्रत अकेला ने कहा कि संजय पंकज बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। डॉ पुष्पा प्रसाद ने कई मांगलिक गीतों की सुमधुर प्रस्तुति के बाद कहा कि संजय पंकज मुजफ्फरपुर की सांस्कृतिक चेतना हैं। डॉ शारदाचरण ने कहा कि संजय पंकज की मातृभाषा बज्जिका है। इन्होंने बज्जिका में भरपूर लेखन किया है। इनके गीतों की मिठास लोक अंचल से ही आती है। टाटा से आए हुए पुलिस पदाधिकारी और कभी संजय सुरीला ने कहा कि संजय पंकज जी जमशेदपुर में भी बहुत लोकप्रिय हैं। इनके वहां पहुंचते ही कवियों की जमात स्वत: इनके  पास पहुंच जाती है।

पंडित कमलापति त्रिपाठी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि संजय जी आध्यात्मिक व्यक्ति हैं‌ इनके संवाद और लेखन में ईश्वरीय गुणों की सुगंध व्याप्त है। मेयर प्रत्याशी विशाल कुमार ने कहा कि हम लोग संजय भैया से बहुत सीखते हैं। इनका साथ हमें  संस्कार संपन्न करता है। मिशन भारती, बिहार गुरु, नवसंचेतन तथा अन्य संस्थाओं के तत्वावधान में आयोजित जन्मोत्सव में डॉ संजय पंकज ने भाव विह्वल स्वर में संबोधित करते हुए कहा कि मैं निमित्त मात्र हूं। मेरे निर्माण में आप सबका बहुमूल्य योगदान है। जिससे मैं कभी उऋण नहीं हो सकता हूं। यह साहित्य का सम्मान है जिसे मैं प्यार और स्नेह के वातावरण में सहेजते हुए अभिभूत हो रहा हूं। समाजसेवी एचएल गुप्ता ने कहा कि संजय पंकज की विनम्रता इनका बड़प्पन है। अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा ने कहा कि संजय पंकज का प्यारा और आत्मीय व्यक्तित्व  हम सबको प्रभावित करता है। हम सब इनसे बहुत प्रेरित होते हैं। मुजफ्फरपुर की धड़कन हैं संजय भैया।

विचार व्यक्त करने वालों में डॉ एचएन भारद्वाज, डॉ ब्रजभूषण मिश्र, शंभूनाथ चौबे, ऑनेस्ट रिपोर्टर के संपादक प्रेमभूषण, पंडित विनय पाठक, उदय शंकर सिंह उदय, अजय सिंह, सुमन कांत, वैद्य ललन तिवारी, राजीव रंजन, डॉ शशांक शेखर, प्रवीर तिवारी, संजीव शर्मा, सोनी तिवारी, बबलू तिवारी, श्यामल श्रीवास्तव, कुंदन कुमार, विभूति, डॉ केशव किशोर कनक, मधुमंगल ठाकुर, केशव चौबे, विजय पांडेय, प्रणव कुमार, राकेश कुमार, चैतन्य चेतन, अंकित भारद्वाज, सुनील गुप्ता, अनिल मिश्रा, कुमार विरल, संजय मयंक, सुमन वृक्ष, डॉ नवीन कुमार आदि महत्वपूर्ण थे। स्वागत भाषण में डॉ वंदना विजयलक्ष्मी ने कहा कि संजय पंकज की निष्ठा साहित्य के साथ ही लेखकों के साथ है। बीके कंचन बहन ने ध्यान कराया और कहा कि संजय भाई के भीतर जो सद्गुण है वह इस तरह के आयोजन से और भी विकसित होगा। धन्यवाद ज्ञापन में मुकेश त्रिपाठी ने कहा कि बड़े भाई संजय पंकज जी से हम लोग बहुत सकारात्मक गुण सीखते हैं।

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