खबरें बिहार

जागरूकता सम्मेलन में कैंसर के इलाज में आई तरक्की के बारे में बताया गया

पटना (जनमन भारत संवाददाता)। रोग के सामूहिक स्तर पर प्रबंधन, आधुनिक उपचार पद्धतियों और शुरू में ही डायग्नोसिस करा लेने के महत्व को बताने के लिए मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर, साकेत ने आज एक जन जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर मैक्स हॉस्पिटल, साकेत, नई दिल्ली के चेयरमैन डॉ हरित चतुर्वेदी, जीआई एचपीबी सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ निखिल अग्रवाल, यूरोलॉजिकल ऑन्कोलॉजी एंड रोबोटिक सर्जरी के निदेशक डॉ गगन गौतम, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ डोडुल मंडल, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेपेटोलॉजी और एंडोस्कोपी के प्रधान सलाहकार, डॉ अभिषेक देव, ऑन्कोलॉजी के सलाहकार डॉ भुवन चुग मौजूद रहे।
टेक्नोलॉजी की तरक्की, न्यूनतम चीरफाड़ वाली कैंसर सर्जरी भी अब आम बात हो गई है। लोगों को अभी भी यह जानकारी देने की जरूरत है कि ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में हालिया तरक्की के कारण कैंसर का अब पूरी तरह इलाज हो सकता है। इसके अलावा शुरुआती डायग्नोसिस कराने से न सिर्फ मरीज के जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है, बल्कि उसके जीवन की गुणवत्ता भी बेहतर हो जाती है।
मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर केयर मैक्स हॉस्पिटल, साकेत, नई दिल्ली के चेयरमैन डॉ हरित चतुर्वेदी ने कहा, कैंसर की इलाज पद्धतियों में आई हालिया तरक्की की बदौलत आखिरी चरण में भी पहुंच चुके कई तरह के कैंसर के इलाज का शानदार परिणाम मिला है और पिछले कुछ वर्षों के दौरान मरीज के जीवित बचने की दर ठीक हुई है।
मैक्स हॉस्पिटल, साकेत, नई दिल्ली के जीआई एचपीबी सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ निखिल अग्रवाल ने कहा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर विश्व स्तर पर सबसे आम कैंसर है। वर्तमान उपचार के साथ, विभिन्न प्रकार के कैंसर ने उन्नत चरणों में भी  अच्छे परिणाम दिखाए हैं और जीवन  दर में सुधार हुआ है।
मैक्स हॉस्पिटल, साकेत, नई दिल्ली के यूरोलॉजिकल ऑन्कोलॉजी एंड रोबोटिक सर्जरी के निदेशक डॉ गगन गौतम ने कहा, कैंसर, की इलाज पद्धतियों में आई हालिया तरक्की की बदौलत आखिरी चरण में भी पहुंच चुके कई तरह के कैंसर के इलाज का शानदार परिणाम मिला है और पिछले कुछ वर्षों के दौरान मरीज के जीवित बचने की दर ठीक हुई है।
मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, साकेत में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ डोडुल मंडल ने कहा, टोमोथेरपी (रेडिसैक्ट-एक्स9), आईजीआरटी, वीमैट, रैपिडआर्क, रेडियोसर्जर स्टीरियोटैक्टिक रेडिएशन, प्रोटोन बीम थेरापी आदि जैसी आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों ने बहुत कम साइड इलेक्ट्स के साथ सटीक उपचार विकल्प दिए हैं।
मैक्स हॉस्पिटल, साकेत, के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेपेटोलॉजी और एंडोस्कोपी के प्रधान सलाहकार, डॉ अभिषेक देव ने कहा, कैंसर चिकित्सा में प्रगति के बावजूद, हम अभी भी प्रारंभिक कैंसर का निदान करने में पीछे हैं। देर से चरणों में कोलन या बड़े आंत्र कैंसर का तेजी से निदान किया जा रहा है। मल की आदत में लगातार बदलाव, मलाशय से खून बहना और वजन कम होना जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
मैक्स हॉस्पिटल, साकेत, के कैंसर देखभाल  ऑन्कोलॉजी के सलाहकार डॉ भुवन चुग ने कहा  हमारा अंतिम लक्ष्य कैंसर मरीजों के ठीक होने, जीवित रहने की दर में सुधार लाना तथा महंगे या निष्प्रभावी इलाज का कम से कम इस्तेमाल करने पर है। पहले मरीजों को कीमोथेरापी की जरूरत पड़ती थी लेकिन ऑन्कोलॉजी में परिशुद्धता आने से इस रोग की उपचार पद्धति में जबर्दस्त बदलाव आया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *