मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। चैत्र नवरात्र 2 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस बार मां दुर्गा का आगमन घोड़े पर हो रहा है और उनकी विदाई भैंस पर होगी. ज्योतिष के अनुसार मां दुर्गा का आना और जाना दोनों अशुभ है. घोड़े की सवारी से युद्ध के संकेत और भैंस की वापसी से देश में रोग शोक की वृद्धि का दुर्योग बन रहा है. आचार्य सुजीत शास्त्री (मिट्ठू बाबा) एवं पंडित विद्याभूषण द्विवेदी ने बताया कि प्रतिपदा तिथि को कलश स्थापित कर मां दुर्गा की उपासना शुरू हो जायेगी.नौ दिनों तक मां के विविध रूपों की पूजा होगी चैत्र नवरात्र के पहले दिन देवी आदिशक्ति ने सृष्टि का आरंभ किया था, इसलिए पहली तिथि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा आरंभ होती है.
शास्त्रों और पुराणों में चैत्र नवरात्रि का अधिक महत्व है. इस दिन से भारतीय नववर्ष की शुरुआत होती है .मान्यता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही ब्रह्मा ने सृष्टि का सृजन किया था. इसी दिन विक्रमादित्य का राजतिलक हुआ था. इस कारण भी चैत्र नवरात्रि का महत्व माना गया है. शास्त्रों में देवी दुर्गा का मतलब जीवन के दुखों को हरने वाली देवी के रूप में बताया गया है. चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन भगवान राम का जन्म हुआ था. इस दिन को रामनवमी के तौर पर समूचे भारत में मनाया जाता है.
10 अप्रैल को रामनवमी
इस वर्ष रामनवमी 10 अप्रैल को मनाई जाएगी राम नवमी पूजा का विशेष मुहूर्त सुबह 11:45बजे से दोपहर 2:15 बजे तक है. पुरोहितों का कहना है कि कर्क लग्न मध्यान्ह काल के इस शुभ मुहूर्त में श्री राम के जन्म का उत्सव मनाने से घर में सुख समृद्धि आएगी. पूजा के बाद प्रभु राम को मिष्ठान और फूल अर्पित कर मंगल गीत गाएं और आरती करें. इस दिन दशहरा भी है मां दुर्गा की पूजा कर इस दिन विदाई दी जाएगी. धार्मिक दृष्टिकोण से इस तिथि का विशेष महत्व माना गया है.