मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकट चौथ का व्रत महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए रखती हैं। यह व्रत निर्जला रखा जाता है। इस दिन भगवान श्री गणेश की विधि विधान से पूजा होती है। इस वर्ष संकष्टि चौथ व्रत 10 जनवरी मंगलवार को मनाया जाएगा। संकट चौथ के दिन चंद्रोदय समय रात्रि 8:22 पर है। वस्तुतः माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी का खास महत्व माना गया है। इस तिथि को संकट चौथ, माघी चतुर्थी, संकष्टी चतुर्थी, तिल चौथ नाम से जाना जाता है। उक्त बातें आचार्य सुजीत शास्त्री (मिट्ठू बाबा) ने कही। एक बार देवता कई विपदाओं में घिरे थे ।तब वह मदद मांगने भगवान शिव के पास आए। उस समय शिव के साथ कार्तिकेय तथा गणेश जी भी बैठे थे। देवताओं की बात सुनकर शिवजी ने कार्तिकेय और गणेश जी से पूछा कि तुम में से कौन देवताओं के कष्टों का निवारण कर सकता है। तब कार्तिकेय और गणेश जी दोनों ने ही स्वयं को इस कार्य के लिए सक्षम बताया।
भगवान शिव ने दोनों की परीक्षा ली थी
भगवान शिव ने दोनों की परीक्षा लेते हुए कहा कि तुम दोनों में से जो सबसे पहले पृथ्वी की परिक्रमा करके आएगा। वही देवताओं की मदद करने जाएगा। भगवान शिव के मुख से यह वचन सुनते ही कार्तिकेय अपने वाहन मोड़ पर बैठकर पृथ्वी की परिक्रमा के लिए निकल गए। परंतु गणेश जी सोच में पड़ गए कि वह चूहे के ऊपर चढ़कर सारी पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे तो इस कार्य में उन्हें बहुत समय लग जाएगा तभी उन्हें उपाय सूझा।