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पूर्वोत्तर भारत में खासकर उड़ीसा,झारखंड,बंगाल, सिक्किम,नेपाल में डीएवी संस्थानों को स्थापित करने वाले महान शिक्षाविद एवं पुरोधा महात्मा नारायण दास ग्रोवर जी का जीवन अनुकरणीय

मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। डीएवी पब्लिक स्कूल, खबड़ा में महात्मा नारायण दास ग्रोवर का जन्मदिवस मनाया गया। इस महान शिक्षाविद् का जन्म 15 नवम्बर 1923 को हुआ था।वे आर्य समाज के ऐसे कार्यकर्ता थे। जिन्होंने एंग्लो वैदिक कॉलेज आंदोलन (ड़ीएवी आंदोलन) मे प्रमुख भूमिका निभाई थी। लगभग दो सौ से अधिक विद्यालयों की स्थापना झारखंड, बिहार, बंगाल और ओडिशा राज्यों मे करके आजीवन अवैतनिक सेवा किये। विद्यालय में शिक्षकों और बच्चों ने महात्मा जी को पुष्प अर्पित किये। उक्त जानकारी देते हुए प्राचार्य मनोज कुमार झा ने कहा कि महात्मा जी का जीवन दर्शन अनुकरणीय है। हमे इनके त्याग व तपस्या से शिक्षा लेनी चाहिए।शिक्षा के क्षेत्र में खास कर उड़ीसा, बिहार,उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश एवं झारखंड में उनका योगदान अतुलनीय है। शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए डीएवी ने ग्रोवर को डीएवी का गांधी, दधिचि ऋषि एवं कर्मयोगी की उपाधि से सम्मानित किया। गरीब बच्चों को शिक्षा एवं समाज के मुख्य धारा से जोड़ने में महात्मा ग्रोवर का अहम योगदान रहा है। इसके लिए उन्होंने विभिन्न प्रकार के लगभग 250 शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना देश के विभिन्न हिस्सों में किया। इनमें आज लगभग 350000 छात्र शिक्षा-दीक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में भी शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा का अलख जगाने हेतु दयानंद नेत्रालय खूंटी, रांची में की। उन्होंने नारी शिक्षा के उत्थान हेतु भी अनेक कार्य किए। इस अवसर पर बच्चों के बीच महात्मा ग्रोवर के जीवन से जुड़े तथ्यों पर क्विज,भाषण, चित्रकला इत्यादि प्रतियोगिता भी कराई गई। जिसमें आदर्श, श्रेया,राहुल, आदित्य आदि बच्चों की भूमिका सराहनीय रही। कार्यक्रम के संचालन में शशिबाला झा, रंजना वर्मा, किरण यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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