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इंदिरा आईवीएफ में इम्यूनोलॉजी डिपार्टमेंट का उद्घाटन

–बार-बार असफल हो रहा आईवीएफ के लिए इम्यूनोलॉजी समाधान उपलब्ध
पटना (जनमन भारत संवाददाता)।  शहर में स्थित इंदिरा आईवीएफ में नए इम्यूनोलॉजी डिपार्टमेंट का उद्घाटन किया गया है, जो दम्पतियों के माता-पिता बनने के मुश्किल सपने को सच करने में और मददगार साबित होगा । बार-बार गर्भपात होना, बिना किसी स्पष्ट कारण के बांझपन, कई बार आईयूआई का असफल होना और इम्प्लांटेशन और आईवीएफ का भी बार-बार असफल होना; इन दिक्कतों का सामना कर रहे दम्पतियों की मदद के लिए इंदिरा आईवीएफ ने पैटर्नल लिम्फोसाइट इम्युनाइज़ेशन (पीएलआई) थेरपी की शुरुआत की है। भारत के पूर्व क्षेत्र की इंदिरा आईवीएफ अस्पतालों की श्रृंखला में ये एकमात्र शाखा है जहाँ यह थेरेपी उपलब्ध होगी जिससे मरीजों का इस पद्धति से इलाज़ होगा और उन्हें यह सुविधा अपने ही क्षेत्र मे प्राप्त होगी।
हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बाहरी पदार्थों जैसे कि, कोशिकाएं, विषाणु, बैक्टेरिया, फंगी और ऐसे ही अन्य पदार्थ, जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं, को पहचान कर बिमारियों से लड़ती हैं। उनसे शरीर में कोई भी बीमारी पैदा न हो इसलिए यह प्रणाली उन्हें ख़त्म कर देती है। इसी प्रतिरक्षा प्रणाली का अध्ययन इम्यूनोलॉजी में किया जाता है। कुछ मामलों में महिला के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गर्भावस्था के लिए एक चुनौती बन सकती है क्योंकि यह पिता के स्पर्म्स को या फर्टिलाइज्ड भ्रूण को भी बाहरी पदार्थ मान लेती है और फिर शरीर उन स्पर्म्स या फर्टिलाइज्ड भ्रूण को स्वीकार नहीं करता है। महिला के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा इस प्रकार से अस्वीकृति करना बांझपन और गर्भपात का एक बड़ा कारण हो सकता है।
इंदिरा आईवीएफ के चीफ ऑफ क्लिनिकल ऑपरेशन्स डॉ विपिन चंद्रा ने इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से कहा की  पैटर्नल लिम्फोसाइट इम्युनाइज़ेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पिता के लिम्फोसाइट्स या सफ़ेद रक्त कोशिकाओं को माता के शरीर में डाला जाता है। इससे माता के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को संवेदनशील बनाने और भ्रूण को स्वीकार करने की क्षमता को विकसित करने में मदद मिलती है। कई मामलों में पीएलआई इलाज के बाद जन्म के मामलें बढ़े हुए पाए गए हैं।
इंदिरा आईवीएफ के सीईओ और सह-संस्थापक डॉ क्षितिज मुर्डिया ने इस अवसर पर कहा, “आंकड़ों के अनुसार, भारत में 10 से 15 फीसदी दम्पतियों को माता-पिता बनने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हाल ही के नेशनल फॅमिली हेल्थ सर्वे में पता चला है कि भारत में पहली बार कुल जननक्षमता दर (टीएफआर) प्रति महिला 2 बच्चों के रिप्लेसमेंट लेवल के नीचे गिर चूका है। पटना के हमारे सेंटर में इम्यूनोलॉजी डिपार्टमेंट का उद्घाटन करके हमें बहुत ख़ुशी हो रही है, क्योंकि इससे न केवल बिहार बल्कि पूरे पूर्वी इलाके के दम्पतियों को माता-पिता बनने का अपना सपना पूरा करने में मदद मिलेगी।”
पीएलआई इलाज महत्वपूर्ण है इस बात पर प्रकाश डालते हुए इंदिरा आईवीएफ पटना के डॉ दयानिधि कुमार ने कहा, “इम्यूनोलॉजी डिपार्टमेंट शुरू करते हुए हमें बहुत ख़ुशी हो रही है। बार-बार गर्भपात होना, बिना किसी स्पष्ट कारण के बांझपन, कई बार आईयूआई असफल होना और इम्प्लांटेशन और आईवीएफ का बार-बार असफल होना, इन दिक्कतों का सामना कर रहे दम्पतियों की मदद हम यहां कर पाएंगे। अनुसंधान में पता चला है कि इस तरह की जटिलताओं वाले मरीज़ों में प्रेग्नेंट होने की संभावना 97% अधिक होती है। उदयपुर और बोरिवली (मुंबई) के इंदिरा आईवीएफ सेंटर्स में मरीज़ों को पीएलआई की मदद मिलती है और अब पटना सेंटर में भारत के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी इलाकों के दम्पतियों के लिए इस समाधान को उपलब्ध कराया गया है, जिससे वह आर्थिक खर्च और मानसिक तनाव से बच सकेंगे।”
इंदिरा आईवीएफ में चीफ इम्यूनोलॉजिस्ट स्पेशलिस्ट डॉ प्रिया धुरंधर ने बताया, “कई मामलों में प्राकृतिक तरीके से या असिस्टेड रिप्रोडक्टिव तकनीक से भी दम्पतियों को माता-पिता बनने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मौजूदा बीमारियां, दम्पति की उम्र, क्रोमोसोमल अनोमलिज़ और भ्रूण के विकास में दिक्कतें आदि कई कारण हो सकते हैं। लेकिन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी बांझपन की वजह हो सकती है यह बात कई लोगों को पता ही नहीं होती है। इस पहल द्वारा मे उन दम्पतियों से अनुरोध करना चाहती हूँ जो माता -पिता बनने का सपना छोड़ चुके है, कि आशावादी बने रहें और हमें उनकी मदद करने दें।”
इंदिरा आईवीएफ पटना से डॉ अनुजा सिंग ने कहा, ” इंदिरा आईवीएफ पटना में हम, देश में हो रहे तकनिकी उन्नति के साथ फर्टिलिटी इलाजों की उपलब्धता और सुगमता को बढ़ाकर वास्तव में परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहे हैं।हमें आशा है कि रिप्रोडक्टिव इम्यूनोलॉजी थेरपी, और खासकर पीएलआई के द्वारा हम क्षेत्र के और भी कई ज़्यादा दम्पतियों की सहायता कर पाएंगे।”
उद्घाटन समारोह मे, डॉ सुनीता कुमारी, डॉ,मिशिका जैन और डॉ रितिका प्रकाश भी शामिल हुए।
अपनी आधुनिकतम बुनियादी सेवाओं और सुविधाओं के साथ, इंदिरा आईवीएफ ने अनगिनत दम्पतियों को बांझपन की जटिल समस्या से बाहर निकलकर अपना परिवार शुरू करने के सपने को साकार करने में सहायता प्रदान की है। यहां काउन्सलिंग सेवा भी दी जाती है।  एग और स्पर्म फ्रीज़िंग की सुविधाएं भी यहां उपलब्ध हैं जो फॅमिली प्लानिंग कर रहे कई युवा पुरुषों और महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई हैं। इंदिरा आईवीएफ ने अपने 114 सेंटर्स में 1,00,000 से ज़्यादा दम्पतियों को सफल गर्भावस्था पाने में मदद की है, इनमें से पटना से हैं।

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