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सम्मान पर्व का आयोजन किया गया

मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन पटना द्वारा बीते 14 नवंबर को लब्धप्रतिष्ठ साहित्यिक  सम्मान -साहित्य मार्तण्ड, साहित्य शार्दूल और साहित्य चूड़ामणि से सम्मानित सुविख्यात कवि/गीतकार डॉ रवीन्द्र उपाध्याय, वरिष्ठ कवि/साहित्यकार, उदय नारायण सिंह, डॉ नीलिमा वर्मा और प्रेम कुमार वर्मा के सम्मान में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन मुजफ्फरपुर के द्वारा थियोसोफिकल लाज नया टोला में सम्मान पर्व का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता वयोवृद्ध एवं ज्ञानवृद्ध कथाकार/साहित्यकार चितरंजन सिन्हा कनक ने की। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉ शारदाचरण ने कहा कि डॉ रवीन्द्र उपाध्याय, उदय नारायण सिंह, डॉ नीलिमा वर्मा और प्रेम कुमार वर्मा को आज सम्मानित कर हम स्वयं को सम्मानित अनुभव कर रहे हैं।इन सबों की साहित्यिक साधना स्तुत्य एवं प्रणम्य है; क्योंकि इन लोगों की साहित्यिक साधना को देखते हुए बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन पटना ने पूर्व प्रोफेसर डॉ रवीन्द्र उपाध्याय  एवं सम्मेलन प्रधानमंत्री उदय नारायण सिंह को साहित्य मार्तण्ड, कवयित्री डॉ नीलिमा वर्मा को साहित्य चूड़ामणि और
 कवि प्रेम कुमार वर्मा को साहित्य शार्दूल सम्मान से  सम्मानित किया है।इन सबों की साहित्यिक साधना मार्तण्ड प्रभा की तरह चहूंओर फैलें , यही मेरी मंगल कामना है। इस सुअवसर पर बोलते हुए सम्मेलन प्रधानमंत्री उदय नारायण सिंह ने कहा -“यह सम्मान मेरे आत्मीय एवं श्रेष्ठ जनों की शुभकामना का सुफल है। मैं अपने शुभेच्छु  के अनुग्रह से अभिभूत हूं। मैं सबों के प्रति सादर आभार और कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।”डॉ रवीन्द्र उपाध्याय ने कहा,”कि सम्मानित होना बड़ी बात नहीं है बल्कि सम्मान की रक्षा करना बड़ी बात है, चुनौती है।”अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में चितरंजन सिन्हा कनक ने कहा,कि यह क्षण जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के लिए गौरव का क्षण है कि हम एक,दो नहीं बल्कि जिले के चार वरिष्ठ साहित्यकारों को सम्मानित कर रहे हैं। विश्वास है ये सभी अपनी साहित्यिक कृतियों से मुजफ्फरपुर हीं नहीं देश का मान बढ़ाएंगे।इस सुअवसर पर प्रेम कुमार वर्मा, डॉ नीलिमा वर्मा, देवेन्द्र कुमार, गणेश प्रसाद सिंह, डॉ बी के मल्लिक, डॉ प्रियंवदा दास, ऊषा किरण, हरिनारायण गुप्त, डॉ हरि किशोर प्रसाद सिंह, प्रभात रंजन , उत्तम कुमार और संजय वसंत ने अपने उद्गार से सम्मान समारोह में जीवंतता ला दी।
            दूसरी बैठक में भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें उपस्थित सभी कवियों ने एक से बढ़कर एक गीत एवं भाव भीनी कविताएं सुनाई।
            इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन रमेश प्रसाद श्रीवास्तव ने किया।

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