खबरें बिहार

एंटीबायोटिक के गलत इस्तेमाल से करोड़ों लोगों की जिंदगी खतरे में: डॉ. अरुण शाह

एंटीबायोटिक इस्तेमाल के होने वाले फायदे और नुकसान को लेकर शहर के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरुण शाह से बातचीत के कुछ खास अंश:

प्रश्न : किन  बीमारियों में एंटीबायोटिक असर नहीं कर रही है।
डॉ. अरुण शाह: एंटीबायोटिक आम बीमारियो मे जैसे  नयूमोनिया मयादी बुखार tuberculosis यक्ष्मा टुबरकुलोसिस  मैनिनजाइटिस सेपटीसीमिया (रक्त मे जहर) सेलुलाइटीस  (चर्म का गम्भीर संक्रमण ) अब बेअसर और जानलेवा साबित हो रहा है

प्रश्न :एंटीबायोटिक के असर नहीं करने से इलाज में क्या मुश्किल आ रहीं है।

डॉ. अरुण शाह: वैकल्पिक और ज्यादा प्रभावशाली  एंटीबायोटिक काफी महंगी है इसीलिए इलाज और महंगा होता जा रहा है और जरुरी नही की ये ऐनटीबाइटीक कारगर साबित हो।

प्रश्न :बच्चे इससे कितने प्रभावित हैं

डॉ. अरुण शाह: सभी वर्ग के लोग   ऐनटीबाइटीक रेजिस्टेंस से प्रभावित हुए है  बच्चो मे आम बैक्टीरियल संक्रमण मे ज्यादातर ऐनटीबाइटीक बेअसर साबित हो रहा है

प्रश्न :पशुपालन में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से क्या नुकसान सामने। आए हैं।
डॉ. अरुण शाह: पशुपालन और खेती मे ऐनटीबाइटीक का अनावश्यक एव अत्यधिक इस्तेमाल से ऐनटीबाइटीक रेजिस्टेंस का जन्म हो रहा है जिसके गम्भीर परिणाम सामने आ रहे है।

प्रश्न :एंटीबायोटिक का और क्या सेड एफएम सामने आ रहा है
डॉ. अरुण शाह: ऐनटीबाइटीक के गलत और बेवजह इस्तेमाल से लाखो करोङ लोग की जिन्दगी खतरे मे आ गई है विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया मे प्रति वर्ष लगभग 7 लाख लोग की मौत इसलिए होती है कि ऐनटीबाइटीक सामान्य बैक्टीरियल संक्रमण मे बेअसर साबित हो रहे है अगर ऐनटीबाइटीक का ब्यापक और बेवजह इस्तेमाल अगर हमने नही रोका तो अनुमानन  2025 तक ऐनटीबाइटीक रेजिस्टेंस से प्रति वर्ष 1करोङ से ज्यादा लोग की म्रत्यु हो सकती है एंटीबायोटिक खा-खाकर बैक्टीरिया अब इतना ताकतवर हो गया है कि उस पर एंटीबायोटिक दवाओं का असर कम या नही  होने लगा है
अतः एंटीबायोटिक प्रतिरोध  (antimicrobial resistance) आज समस्त विश्व के लिये एक बड़ा खतरा है। क्योंकि इससे सामान्य से भी सामान्य बीमारियों के कारण मौत हो सकती है।
एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध विकसित करने वाले सूक्ष्मजीवों को “सुपरबग” के नाम से जाना जाता है। सुपरबग एक ऐसा सुक्ष्मजीवी है, जिस पर एंटीमाइक्रोबियल ड्रग्स का प्रभाव नहीं पड़त

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *