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मुजफ्फरपुर किडनी कांड मामले में एन.एच.आर.सी. ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को जारी किया नोटिस

–आयोग ने प्रधान सचिव से माँगा चार सप्ताह में जवाब
–मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने एन.एच.आर.सी. में दायर की थी याचिका
मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। जिले के चर्चित किडनी कांड मामले में अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को नोटिस जारी किया है और चार सप्ताह में जवाब माँगा है। विदित हो कि पीड़ित महिला सुनीता देवी के ओवरी के ऑपरेशन के दौरान दोनों किडनी निकालने का मामला प्रकाश में आने के बाद मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एवं राज्य मानवाधिकार आयोग में याचिका दाखिल की थी और मामले में संलिप्त आरोपितों की अविलम्ब गिरफ़्तारी की माँग की थी, जिसपर कार्रवाई करते हुए आयोग नें यह कदम उठाया है। बताते चले कि जिले के सकरा थाने के मथुरापुर गाँव की निवासी सुनीता देवी को पेट में दर्द था, जिसका ईलाज वहीं पर बरियारपुर के शुभकान्त क्लिनिक में एक झोलाछाप चिकित्सक डॉक्टर पवन कुमार के द्वारा किया गया। डॉक्टर पवन कुमार ने महिला के गर्भाशय में ट्यूमर होने की बात कही और 3 सितम्बर को महिला का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद सुनीता की तबियत बिगड़ने लगी, शरीर में सूजन होने लगा। तब जाकर महिला के परिजनों के द्वारा मुजफ्फरपुर के एस.के.एम.सी.एच. में सुनीता का सी.टी. स्कैन कराया गया, जिसकी रिपोर्ट में दोनों किडनी दृश्यमान नहीं हैं, ऐसा रिपोर्ट आया। ओवरी ऑपरेशन के दौरान किडनी गायब होने की एफ.आई.आर. के बाद प्रशासनिक अधिकारी सकते में आये और जाँच शुरू हुई, तब मालूम चला कि उक्त क्लिनिक सरकार के मानदंड के अंतर्गत कार्य नहीं कर रही हैं। विदित हो कि इस मामले में बिहार मानवाधिकार आयोग द्वारा पूर्व में एक नोटिस जारी की जा चुकी है और जिला प्रशासन से रिपोर्ट की माँग की गयी है। मामले के सम्बन्ध में मानवाधिकार अधिवक्ता श्री झा ने कहा कि यह मानवाधिकार उल्लंघन के अतिगंभीर कोटि का मामला है, जिसमें दोषियों के विरुद्ध कड़ी-से-कड़ी कार्रवाई करने की नितांत आवश्यकता है।

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