मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। महंत दर्शन दास महिला महाविद्यालय (एमडीडीएम कॉलेज) में परीक्षा के दौरान हिजाब पहनी एक खास संप्रदाय की कुछ छात्राओं की महाविद्यालय में प्रवेश करने के दौरान जांच कराने के लिए कहा गया, तो उन्होंने साफ इंकार करते हुए महाविद्यालय प्रशासन पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। साथ ही कॉलेज प्रशासन के खिलाफ एकजुट होकर विरोध करना शुरू कर दिया। इस घटना को लेकर गिरीराज सिंह फैंस क्लब के संरक्षक देवांशु किशोर ने कहा कि देश में एक खास संप्रदाय के लोग सामाजिक समरसता को बिगाड़ने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। हाल के दिनों में जिस तरह से खास संप्रदाय की छात्राएं हिजाब पहनने को लेकर प्रतिबद्ध है। उससे स्पष्ट होता है कि देश में सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। हाल के दिनों में कर्नाटक में हिजाब मामले को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने स्पष्ट दिशा निर्देश दिया है कि सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों में ड्रेस कोड लागू होगा। ऐसे में महंत दर्शन दास महिला महाविद्यालय में खास संप्रदाय की छात्राओं द्वारा हिजाब पहनकर परीक्षा देने आना कहीं से तर्कसंगत नहीं है। हिजाब मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय में मामला विचाराधीन है। हालांकि उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीशों द्वारा अलग-अलग मत रखा गया था। इसके बाद मामले की सुनवाई के लिए दो से अधिक बेंच के पास आगे भेज दिया गया है। अभी भी हिजाब मामला उच्चतम न्यायालय के पास विचाराधीन है। हाल के दिनों में विश्व में हिजाब पहनने को लेकर युवतियां विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। जिसका ताजा उदाहरण ईरान में सामने आया है। जहां एक युवती को हिजाब पहनने के कारण वहां की पुलिस ने पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। इसके बाद युवती को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसकी मौत ने पूरे ईरान में युवतियों को हिजाब के खिलाफ एकजुट कर दिया। वहाँ की युवतियों ने हिजाब उतारकर अपने बाल काटकर हिजाब जला रही हैं। पूरे विश्व में हिजाब को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। बावजूद इसके छोटे से शहर मुजफ्फरपुर में छात्राओं द्वारा सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास करना कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने वरीय पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करा कर छात्राओं की फंडिंग की जांच कराई जाए और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के प्रयास में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए।
