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जिला भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का पुतला दहन कर बिहार सरकार की अदूरदर्शी सोंच व जनविरोधी नितियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की

–ओबीसी-ईबीसी समाज के हित में आरक्षण और उनकी भागीदारी को लेकर नीतीश कुमार जरा भी गंभीर नहीं हैं: रंजन
–पिछड़ा और अतिपिछड़ा समाज के हक़ के खिलाफ पैदा हुई वर्तमान परिस्थिति के लिए जिम्मेदार सिर्फ नीतीश कुमार हैं
मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। बिहार सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर आरक्षण रोस्टर का पालन किए बगैर निकाय चुनाव की घोषणाऔर उस पर रोक लगाए जाने से मतदाता एवं अभ्यर्थियों को हुई परेशानी के खिलाफ गुरुवार को जिला भाजपा ने मुख्यमंत्री नितिश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का पुतला दहन कर बिहार सरकार की अदूरदर्शी सोंच व जनविरोधी नितियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार के नेतृत्व में पार्टी नेता एवं सैंकड़ो कार्यकर्ताओं ने स्थानीय कल्याणी चौक पर मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया।
मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार ने कहा कि पटना हाईकोर्ट द्वारा नगर निकाय चुनाव पर रोक के निर्णय से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनविरोधी एवं
पिछड़ा-अतिपिछड़ा विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। कहा कि
नीतीश कुमार ने जानबूझकर पिछड़ा और अतिपिछड़ा समाज के साथ छलावा किया है।
नीतीश कुमार आरक्षण के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जब बिहार में बीजेपी सत्ता में थी तभी सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे दिया था कि कमेटी बनाकर आरक्षण पर फैसला लें। मगर नीतीश कुमार की जिद के आगे आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया गया। उन्होंने शीर्ष अदालत के फैसले के बाद भी बिहार में कमेटी का गठन नहीं किया।
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार पर सवाल दागते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि विशेष पिछड़ा आयोग का गठन क्यों नहीं किया गया सवाल यह भी है कि जब चुनाव कराने में प्रक्रियात्मक दिक्कत थी तो चुनाव की घोषणा क्यों की गई? नीतीश कुमार यह भी स्पष्ट करें कि सुप्रीम कोर्ट से मिले सुझावों को अमल में क्यों नहीं लाया गया, विभागीय मंत्रियों के सलाह-सुझाव की लगातार अवहेलना क्यों की गई
भाजपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि  सुशासन का दंभ भरने वाले नितिश जी में यदि दम है तो आरक्षण रोस्टर का पालन कर दलगत चुनाव करा लें उनको भी पता चल जाएगा कि बिहार में उनका जनाधार कितना है।
मौके पर प्रदेश महामंत्री बेबी कुमारी ने कहा कि जब भाजपा सरकार में थी तब पूर्व उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद इस मामले को लेकर रोस्टर तैयार कर रहे थे, लेकिन इसी दौरान चुनाव की घोषणा कर दी गई और भाजपा के सरकार से हटते ही नई सरकार ने येन-केन प्रकारेण नियमों को धत्ता बताते हुए साजिश के तहत आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं कर आरक्षण की व्यवस्था नगर निकाय चुनाव मे की और यही कारण रहा कि हाई कोर्ट का जो फैसला आया तो बिहार सरकार को फजीहत के साथ-साथ आम जनता जो इस चुनाव में शरीक होने वाले हैं, उनको परेशानी झेलनी पड़ी है।
वहीं भाजपा जिला उपाध्यक्ष निर्मला साहु ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जिद के कारण ईबीसी कोटा के लोगों को उनका अधिकार नहीं मिल पा रहा है। कहा कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश था कि बिना ट्रीपल टेस्ट के देश में किसी भी चुनाव में आरक्षण नहीं दिए जा सकते हैं।
अब तो साफ़ जाहिर हो गया है कि ओबीसी-ईबीसी समाज के हित में आरक्षण और उनकी भागीदारी को लेकर नीतीश कुमार जरा भी गंभीर नहीं हैं। पिछड़ा और अतिपिछड़ा समाज के हक़ के खिलाफ पैदा हुई वर्तमान परिस्थिति के लिए जिम्मेदार सिर्फ नीतीश कुमार हैं।
इस दौरान मुख्य रूप से जिला महामंत्री सचिन कुमार, धर्मेंद्र साहु, जिला उपाध्यक्ष निर्मला साहु, मनीष कुमार, हरिमोहन चौधरी, डाo  रागिनी रानी, जिला मंत्री, रविकांत सिन्हां, नचिकेता पांडे, भारत रत्न, आनंद कुमार सिंह, नंद किशोर पासवान, विवेक कुमार भगवान लाल महतो, फेकू राम, मुकेश चंद्रवंशी, अमरेश विपुल, विजय पाण्डेय, लखन लाल रमन, मनोज नेता, सिद्धार्थ कुमार, श्लोक, शांतनु, आशीष अग्रवाल, ओम प्रकाश कुमार, आनंद राठौर, राजा सिंह, चुन्नू रजक, रूपेश भारतीय, दिलीप कुमार आदि उपस्थित रहे।

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