

मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। शारदीय नवरात्र सोमवार 26 सितंबर से शुरू हो रहा है ।सुबह 3:25 बजे से सूर्यास्त तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है। इस बार हाथी पर सवार होकर मां का आगमन और गमन होगा। इसे शुभ माना जा रहा है।
नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की आराधना की जाएगी। श्रद्धालु उपवास रख माता की भक्ति में लीन हो जाएंगे। घरों ,मंदिरों व पूजा पंडालों में दुर्गा सप्तशती पाठ ,चालीसा व बीज मंत्र गूंजने लगेंगे। दुर्गा मंदिरों में माता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी।, उधर पूजा तैयारी को लेकर बाजार में रौनक बढ़ गई है।
आचार्य सुजीत शास्त्री (मिट्ठू बाबा) ने बताया कि पहले दिन घट स्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। इस बार कोई तिथि लुप्त नहीं है। इसलिए पूरे नौ दिनों तक देवी के विभिन्न रूपों की पूजा होगी।वहीं, विजया दशमी 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा। मिट्ठू बाबा ने बताया कि सिद्धि और साधना की दृष्टि से देखा जाए तो शारदीय नवरात्र का खास महत्व है। इसमें जातक आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति के संचय के लिए श्रद्धालु व्रत ,यम ,नियम, यज्ञ ,भजन, पूजन ,योग-साधना आदि करते हैं। काफी संख्या में श्रद्धालु पूरे नवरात्र उपवास में रहते हैं। और केवल फलाहार करते हैं। आठवें या नौवें दिन कन्या पूजन की जाती है। इसके बाद उपवास खोला जाता है।
*सुबह से रात तक हो रहा पंडाल निर्माण का काम*
नवरात्र मैं मां दुर्गा की आराधना के लिए पूजा पंडालों में सुबह से रात तक तैयारी चलती रही। घरों में भी कलश स्थापना की तैयारी पूरी कर ली गई है। पंडालों में प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में कलाकार जुट गए हैं। पंडालों को आकार देने में जोर-शोर से समिति के सदस्य व कारीगर लगे हुए हैं। नेत्र पट खुलने के बाद दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमरेगी।