

मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। सामाजिक कार्यकर्ता अविनाश तिरंगा और ऑक्सीजन बाबा के संयोजन तथा रघुनंदन प्रसाद सिंह उर्फ अमर बाबू के संचालन में मुजफ्फरपुर नगर निगम के आसन्न चुनाव के मद्देनजर बुद्धिजीवियों की एक बड़ी बैठक संपन्न हुई।जिसमें स्मार्ट सिटी की धीमी गति के साथ ही सरकार की उस नीति के विरोध में भी लोगों ने क्षोभ प्रकट किया जिसके अंतर्गत मेयर और उप मेयर के सीट में सामान्य के लिए एक भी सीट नहीं रखा गया, दोनों को आरक्षित कर दिया गया। आरक्षण का दुष्परिणाम यह देश देख रहा है कि आरक्षण की मार से योग्य प्रतिभा सामने नहीं आती है। आरक्षण के कारण कभी-कभी अयोग्य और जिन्हें आरक्षण नहीं चाहिए उन्हें लाभ मिल जाता है विगत कई सत्रों से तथा सत्र के भीतर भी नगर निगम में जिस तरह की उठापटक और गड़बड़ी चलती रहती है उस पर व्यापक चर्चा हुई। कार्य करने वाले सक्षम पदाधिकारी का राजनीतिक दबाव में अचानक तबादला कर देना भी कहीं न कहीं से विकास में बाधक होता है। इस पर भी लोगों ने चर्चा की। तमाम बुद्धिजीवियों ने अपने-अपने ढंग से बात की और उन लोगों ने अपेक्षा और सहमति प्रकट की कि जो भी उम्मीदवार शहर और भाईचारा के प्रति निष्पक्षता में प्रतिबद्ध होगा उसी के लिए केवल मतदान न किया जाए बल्कि उनके पक्ष में मतदान के लिए जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाए।
बुद्धिजीवियों तथा जागरूक नागरिक की संवेदनशीलता को जागृत करते हुए साहित्यकार संजय पंकज ने कहा कि हर व्यक्ति का सामाजिक दायित्व होता है। बिहार की अघोषित सांस्कृतिक राजधानी मुजफ्फरपुर का वैभव और परंपरा कायम रहे इसके लिए सामाजिक समरसता और एकजुटता की आवश्यकता है। बैठक में विचार प्रस्तुत करने वालों में मान मर्दन शुक्ला, रंजन कुमार, वर्षा रानी, डॉ एचएन भारद्वाज, संजीव शर्मा, भृगु कुमार, प्रो अरुण कुमार सिंह, रामकुमार सिंह, बद्री ओझा, संजय कुमार, मधुमंगल ठाकुर, आशुतोष शाही, डॉ नवनीत शांडिल्य, मुकेश त्रिपाठी, सोनू सिंह, राजीव कुमार पंकु, गुड्डू शाही, राजेश शाही, डॉ विनायक कुमार, डॉ विजयेश कुमार, विजय चौधरी, अखिलेश राय, राजेश चौधरी, संजीव चौधरी, सावन पांडेय आदि प्रमुख रहे।