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कांटी के किसानों के साथ मामले में जमीन अधिग्रहण के मामले में यदि जोर जबरदस्ती हुआ तो होगा निर्णायक संघर्ष : अजीत

मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। जिला प्रशासन व एनटीपीसी यदि कांटी के किसानों के साथ जमीन अधिग्रहण के मामले में  जोर जबरदस्ती करती है तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे। हम किसानों के वाजिब मांगों को लेकर लड़ने को तैयार हैं । किसानो की हक की लड़ाई में आने वाले हर एक चुनौती का भी हम सामना  करेंगे।
                उक्त बातें मंगलवार को कांटी के किसानों के समस्याओं को लेकर जिलाधिकारी से मिलने के उपरांत पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कहा। उन्होंने कहा की कांटी थर्मल के लिए जिला प्रशासन द्वारा वर्ष 2011 में थर्मल से दूषित जल निकासी के हेतु पाइप लाइन बिछाने के मकसद से जमीन अधिग्रहण करने की अधिसूचना जारी किया गया था। नियमानुसार अधिसूचना जारी होने के तत्काल बाद उक्त चिन्हित जमीन का एवाड किसानों के नाम जारी होना था । लेकिन जिला प्रशासन ने 5 वर्षों तक उक्त जमीन अधिग्रहण के मामले में कोई कार्रवाई नहीं किया । इस बीच किसान लगातार अधिग्रहण होने वाले जमीनों का मुआवजा आवासीय दर पर मिले इसके लिए लगातार न्यायालय से लेकर प्रशासन तक प्रयास करते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी। श्री कुमार ने बताया की  भू अर्जन विभाग के द्वारा वर्ष 2016 में उक्त जमीन का एवाड किया गया, जो पूर्णता नियम के विपरीत था। लेकिक आज उसी गलत एवाड के आधार पर जिला प्रशासन किसानों के आवेदन पर सुनवाई किए बिना जबरन औने पौने भाव में जमीन कब्जा करना चाहती है । साथ ही आवासीय जमीन का मुआवजा धनहर किस्म बताकर न्यायालय में पैसा जमा करने की धमकी दे रही है। श्री कुमार ने कहा कि मैंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर स्पष्ट रूप से कहा है कि पहले बीते वर्ष  2011 से आज तक किसानों द्वारा दिए गए आवेदन का बिंदु बार जिला प्रशासन सुनवाई करे, फिर अधिग्रहण की प्रक्रिया करें।
       श्री कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन पाइप लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण करने की प्रक्रिया में दोहरा मापदंड अपना रही है । बूढ़ी गंडक कलवारी घाट से थर्मल तक पाइप लाइन बिछाने में जिन किसानों का जमीन अधिग्रहण किया गया था उन सभी किसानों को आवासीय दर पर जमीन का भुगतान दिया गया था । लेकिन दूषित जल निकालने के लिए जो पाइप लाइन बिछाने में जमीन अधिग्रहण का मामला है उसमे धनहर और भीठ के दर पर जमीन का मुआवजा भुगतान करने की बात कही जा रही है , जो नैसर्गिक न्याय के विपरीत है।
       उन्होंने कहा कि यदि जिला प्रशासन किसानों के सवालों पर सुनवाई किए बिना जमीन अधिग्रहण के लिए जोर जबरदस्ती करेगी तो हम आर पार की लड़ाई लड़ेंगे । इस क्रम में यदि किसी प्रकार की अप्रिय बातें हुई तो इसकी सारी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

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