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विश्व छाया दिवस पर सम्मानित हुए छायाकार

मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। आमगोला स्थित सनम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के तत्वावधान में जन्माष्टमी के परिवेश में विश्व छाया दिवस के अवसर पर जाने-माने छायाकारों का स्वागत, सम्मान अभिनंदन किया गया। मुख्य अतिथि साहित्यकार डॉ संजय पंकज ने अपने संबोधन में कहा कि कैमरे के पीछे केवल उंगली की ही नहीं बल्कि आंख और उससे भी ज्यादा दृष्टि की भूमिका होती है। जड़ को भी चेतन की तरह छायाकार की दृष्टि जीवंतता प्रदान करती है। चित्र समय को देखने और अनुभूत करने का सबसे सबल माध्यम है। रोटरी आम्रपाली के निदेशक एचएल गुप्ता ने अपनी शुभकामना देते हुए कहा कि मीडिया में सबसे पहला ध्यान फोटो पर ही जाता है और उसका आकर्षण ही समाचारों की ओर खींच कर ले जाता है। कला विवेचक यशवंत पराशर ने अपने उद्गार में कहा कि फोटोग्राफी बहुत ही बारीक कला है जिसके लिए संस्कृति और कला दृष्टि का होना आवश्यक है। अतिथियों का स्वागत वरिष्ठ छायाकार देवाशीष दास तथा सनम इंडिया के निदेशक मनोज यादव ने बुके और स्मृति चिन्ह देकर किया। स्वागत संबोधन में देवाशीष दास ने कहा कि फोटोग्राफी हॉबी होती है। आज यह जीविका का भी बड़ा साधन है। एक फोटो असंख्य शब्दों को संजो लेता है। वरीय छायाकार निर्मल कुमार दास ने कहा कि आज तो हर हाथ में कैमरा  है और जब मन करे परिवेश तथा स्वयं का फोटो खींच लिया जाता है। सम्मानित होने वाले छायाकारों में सी बी सुदर्शन, संजय गुप्ता, सतीश, दयानंद पाठक, दीपक, मनोज यादव, अरविंद यादव, प्रवीण कुमार, राकेश कुमार, संदीप चंदन, संतोष कुमार, अनंत कुमार आदि महत्वपूर्ण थे। अतिथियों तथा छायाकारों ने जाने-माने वरिष्ठ छायाकार देवाशीष दास को बुके तथा स्मृति चिन्ह देकर संयुक्त रूप से सम्मानित किया। धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मनोज यादव ने कहा कि समय को सहेज कर फोटो के माध्यम से पीढ़ियों के लिए रखा जाता है। इस अवसर पर सम्मानित होने वाले समस्त छायाकार बंधु अपनी कला दृष्टि के लिए लगातार चर्चा में होते हैं।

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