–मानवाधिकार आयोग के अपर पुलिस महानिदेशक एवं निबंधक की संयुक्त कमिटी करेगी मामले की जाँच
–पीड़ित पत्रकार विवेक चंद्र ने मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा के माध्यम से मानवाधिकार आयोग के समक्ष की थी याचिका दाखिल
मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। जिले के पत्रकार विवेक चंद्र दिनांक 01.10.2021 को अपनी माँ का ईलाज एम्स हॉस्पिटल पटना से कराकर मुजफ्फरपुर स्थित अपने घर लौट रहे थे। तभी रामाशीष चौक (हाजीपुर, वैशाली) पर होम गार्ड के जवानों ने उनकी गाड़ी को रोका तथा चेकिंग के नाम पर गाड़ी का कागजात चालक से ले लिया और करीब 45 मिनट तक उनको रोक कर रखा गया एवं जब उन्होंने पुलिस पदाधिकारी से गाड़ी के कागजात को माँगा तो पुलिस पदाधिकारी द्वारा उनसे बतौर रिश्वत दो हजार रूपये माँगा गया, जिसका विरोध पत्रकार विवेक चंद्र ने किया तथा इसकी शिकायत हाजीपुर के यातायात के प्रभारी से किया, तो यातायात प्रभारी द्वारा पत्रकार विवेक चंद्र के साथ काफी गाली-गलौज किया गया और उपस्थित सिपाहियों ने उक्त पत्रकार को पकड़ के यातायात कार्यालय के एक रूम में ले जाकर बंद कर दिया और सभी पुलिसकर्मियों ने मिलकर पत्रकार विवेक चंद्र को काफी बेरहमी से मारा पीटा। उसके बाद पत्रकार विवेक चंद्र बुरी तरह से घायल हो गए और पूरा शरीर खून से लथपथ हो गया। पत्रकार का यह भी आरोप है कि उनके पॉकेट से चार हजार रुपया यातायात प्रभारी द्वारा निकाल लिया गया, उसके बाद उनको छोड़ा गया। तब उन्होंने अपना ईलाज मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में करवाया। मामले को लेकर पत्रकार विवेक चंद्र ने मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस. के. झा के माध्यम से बिहार मानवाधिकार आयोग पटना के समक्ष एक याचिका दाखिल किया। तत्पश्चात आयोग ने मामले के सम्बन्ध में संज्ञान लेते हुए एक टीम गठित करने का आदेश दिया है। इस टीम में मानवाधिकार आयोग के अपर पुलिस महानिदेशक तथा निबंधक की संयुक्त कमिटी 10 सप्ताह के अंदर मामले की जाँच कर आयोग को रिपोर्ट समर्पित करेंगे, जिसपर 24 जनवरी 2022 को सुनवाई होगी। अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा कि यह मानवाधिकार उल्लंघन के अतिगंभीर कोटि का मामला है। पत्रकार लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ हैं। पुलिस के द्वारा एक पत्रकार को बेरहमी से पीटा जाना काफी शर्मनाक व दुःखद घटना है। आयोग के इस कदम से पीड़ित पत्रकार को न्याय अवश्य मिलेगा।