वैशाली (जनमन भारत संवाददाता)। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी दो नवंबर को धनतेरस पड़ रहा है। इस दिन सोने-चांदी के आभूषण या नए बर्तन खरीदने को अत्यंत शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन लक्ष्मी जी के साथ धनवंतरि और कुबेर की भी पूजा की जानी चाहिए। कुबेर जहां धन का जोड़-घटाव रखने वाले हैं ,वही धनवंतरि ब्रह्मांड के सबसे बड़े वैद्य हैं।
आचार्य सुजीत शास्त्री (मिट्ठू बाबा) ने बताया कि धनवंतरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। इसके बाद से ही उनके जन्मदिन पर नए बर्तन खरीदने का चलन शुरू हुआ। माना जाता है कि इस दिन वस्तु खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है। लोग लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां भी इस दिन खरीदते हैं। झाड़ू खरीदने से नकारात्मक ऊर्जा घर से बाहर चली जाती है। वा नमक लाने से घर में धन और सुख शांति आती धनतेरस पर राशि के अनुसार खरीदारी कर सकते हैं। शुभ मुहूर्त में खरीदारी करने से निवेश शुभ व सफल रहेगा। इस बार धनतेरस पूजा का मुहूर्त सुबह से रात्रि तक है। धनतेरस के दिन पूजा घर में किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल के दौरान होता है।
*धनतेरस पर राशि के अनुसार ये करें खरीदारी*
*मेष* :- तांबे, सोना, पीतल या पीली वस्तु इलेक्ट्रॉनिक सामान.
*वृष* :- स्वर्ण में या चांदी की कोई वस्तु पात्र, मिट्टी की मूर्ति
*मिथुन* :- चांदी ,स्टील ,पन्ना, इलेक्ट्रॉनिक सामान
*कर्क* :- स्फटिक, चांदी के बर्तन ,श्री यंत्र या बिजली संचालित वस्तु
*सिंह* :- तांबे का कोई पात्र स्वर्ण या पीली वस्तु
*कन्या* :- कांसे ,पीतल से बनी वस्तु या वाहन
*तुला* :- चांदी का श्री यंत्र ,आभूषण या सिक्का ,भूमि
*वृश्चिक* :- तांबा ,पंचधातु का पात्र या बर्तन ,इलेक्ट्रॉनिक सामान
*धनु* :-भगवान विष्णु और लक्ष्मी की सोने की मूर्ति, आभूषण या पीतल
*मकर* :- लोहा या चांदी या घर की सजावट वस्तु
*कुंभ* :-लोहे की वस्तु, विद्युत उपकरण, भवन, भूमि ,वाहन, स्वर्ण
*मीन* :- सोना, पीतल या सौंदर्य की वस्तु
