मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। होली का त्यौहार इस साल 19 मार्च शनिवार को मनाया जाएगा ।वहीं, होलिका दहन 17 मार्च गुरुवार को रात एक बजे के बाद मनाया जाएगा। आचार्य सुजीत शास्त्री (मिट्ठू बाबा) ने बताया कि बनारसी पंचांग एवं मिथिला पंचांग दोनों के अनुसार गुरुवार दोपहर एक बजे से पूर्णिमा शुरू हो रहा है। रात्रि में होलिका दहन करने का विधान है। लेकिन, इस बीच भद्रा रहने के कारण होलिका दहन नहीं किया जा सकता। भद्रा रात्रि एक बजे के बाद उतर रहा है। इस कारण से एक बजे के बाद ही होलीका दहन किया जाएगा।
मिट्ठू बाबा ने यह भी बताया कि शास्त्र के नियम के अनुसार चैत्र कृष्ण प्रतिपदा शनिवार तदनुसार 19 मार्च को रंग की होली का पर्व काशी क्षेत्र के अलावा पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। होलिका के भस्म को माथे पर लगाते हुए आगामी संवत्सर की कुशलता की मंगल कामना की जाएगी। भारतीय सनातन पद्धति में यह पर्व अपने आप में निराला है। इस दिन कोई अपना और पराया नहीं होता बल्कि हम सभी एकता मिलन और आपसी सद्भाव के साथ सभी प्रकार के सामाजिक बन्धनों को तोड़ एक दूसरे पर रंग, अबीर – गुलाल लगाते हैं। प्रेम पूर्वक ऐसा भी बर्ताव कर देते हैं जो सामान्य व्यवहार में वर्जित होता है और यही हमारी उदात्त संस्कृति का परिचायक है, “वसुधैव कुटुम्बकम्” का मूल मंत्र है एवं मनो विकारों से मुक्ति का प्रतीक है।
