मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। पूरे विश्व में विश्व मोटापा दिवस का अभियान चलाया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य हर वर्ग में बढ़ते मोटापा के खतरे और उसके बचाव व उसके उपचार के बारे मे विस्तृत जानकारी देनी है। मोटापा पूरे विश्व मे एक महामारी की तरह बढ़ता जा रहा है। जिसके अत्यंत गंभीर परिणाम है। आज हम बात करेंगे बच्चों मे मोटापा के बारे मे मोटापा क्या है और उसके क्या कारण है। उसके गंभीर परिणाम और उससे बचने के उपाय और उसका क्या उचित इलाज है ? इसे लेकर वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण शाह ने कहा कि
आज अकेले भारत वर्ष मे 1.5 करोड़ बच्चे मोटापा के शिकार है और इसकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सभी जानते है कि मोटापा एक अभिशाप है। जिसके अत्यंत गंभीर परिणाम है। यह विडंबना है कि हमारे देश मे 40 फ़ीसदी बच्चों मे कुपोषण है और दूसरी तरफ मोटापा है।
ये सही है कि कुपोषण गाँव के बच्चों मे ज्यादा देखने को मिलती है और मोटापा शहरी बच्चों में। दरअसल मोटापा किसे कहते हैं? इसके बारे में जानना ज्यादा जरूरी है। अगर बच्चे की उम्र और लंबाई के हिसाब से उसका वजन ज्यादा है, तो उसे मोटापा कहते है और इसे बॉडी मांस (index BMI) में नापा जाता है। अगर बॉडी मांस index 25 के ऊपर है, तो उसे overweight कहा जाता है और अगर 30 के ऊपर हो तो मोटापा।
मोटापा का क्या कारण है?
इसके प्रमुख कारण है एक जीवन शैली मे परिवर्तन जिसमें रहन-सहन खान पान और शारीरिक परिश्रम है मुख्य रूप से शामिल है आज बच्चों मे fast food /junk food एक फैशन हो गया है जिसमें मुख्य रूप से नूडल, पिज़ा, बर्गर, पास्ता, फ्राइड फूड, कोल्ड ड्रिंक जैसे कोला और होटल का बना खाना ने हमारे पारंपरिक खाना जैसे दाल रोटी चावल हरी सब्जी मौसमी फल की जगह ले ली है fast food /junk food में (transfatty acid )वसा की मात्रा ज्यादा होती है और उसमे protein ,विटामिन, minerals न के बराबर होता है दूसरी तरफ बच्चे शारीरिक परिश्रम नहीं करते बल्कि अपना ज्यादा समय mobile, computer और टीवी पर बिताते है नतीज़ा अधिक वजन का होना जो कई गंभीर बीमारियों की जननी है।
मोटापा के क्या दुष्परिणाम है?
हृदय रोग मधुमेह की बीमारी रक्तचाप की बीमारी जोड़ों में दर्द नींद की समस्या हीनभावना होना, मनोविकारों से पीड़ित रहना यहा तक कि कुछ तरह के cancer मोटापा की वज़ह से होते है।
मोटापा से कैसे बचा जाए और इसका क्या इलाज है?
मोटापा से बचना ही इसका इलाज है जरूरी है कि बच्चों के खान पान पर निगरानी की जरूरत है कि वो चीज़ जैसे fast food junk food नूडल पिस्ता बर्गर पास्ता pija फ्राइड food सॉफ्ट ड्रिंक्स कुरकुरे जैसी चीजों का बहिष्कार करे और पारंपरिक घर का बना खाना दाल रोटी hari सब्जी मौसमी फल का सेवन करे और साथ ही परिवार बच्चों को खेल कूद में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करे जरूरी है कि बच्चे अपना समय टीवी mobile पर कम से कम दे
महत्पूर्ण संदेश /याद रखे
मोटा बच्चा स्वस्थ नहीं होता जो बच्चा अपनी उम्र और लंबाई के हिसाब से जिसका वजन सही है जो शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय है वहीं बच्चा स्वस्थ्य है।
मोटापा हर उम्र में एक अभिशाप है
अपनी जीवलशैली में सुधार लाना आवश्यक है जिसमें खानपान में सुधार और शारीरिक परिश्रम की सबसे ज्यादा भूमिका है जो बच्चे मोटापा का शिकार होते है वो बाद में भी मोटे रहते है।