मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। डीएवी पब्लिक स्कूल नरहाँ पानापुर के परिसर में पारंपरिक वैदिक हवन के साथ महात्मा नारायण दास ग्रोवर की पुण्यतिथि मनाई गई। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथ सहाय क्षेत्रीय अधिकारी, बिहार प्रक्षेत्र अनिल कुमार एवं विशिष्ट अतिथि डीएवी डुमरा सीतामढ़ी के प्राचार्य कुंवर सिंह , डीएवी खबड़ा के प्राचार्य एम. के. झा एवं डीएवी मोतिहारी के प्राचार्य कौशिक विश्वास थे । उन्होंने ग्रोवर साहब की प्रतिमा पर विद्यालय के प्राचार्य मुरारी पाठक के साथ दीप प्रज्वलित करके माल्यार्पण किया। इसके साथ शिक्षक वृंद एवं विद्यालय के समस्त कर्मचारियों ने प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद विद्यालय के संगीत शिक्षक संजीत कुमार ठाकुर के द्वारा उनके पसंदीदा भजन रघुपति राघव राजा राम को प्रस्तुत किया गया। विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों ने उनके साथ व्यतीत किए हुए समय तथा उनके त्याग तपस्या एवं कर्मठता का परिचय उपस्थित लोगों एवं अन्य शिक्षकों को दिया।
सहायक क्षेत्रीय अधिकारी अनिल कुमार ने उनके साथ सबसे ज्यादा समय व्यतीत किया तथा झारखंड और बिहार तथा पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा के पूर्वी इलाकों में डी.ए.वी के सर्वाधिक स्कूल खोलने तथा ग्रोवर साहब के आदेशों का पालन करने वालों में, उनसे प्रेरणा एवं सीख लेने वालों में प्रमुख हैं। वह आज भी डी.ए.वी संस्थान के लिए पूरे समर्पण भाव से लगे हुए हैं तथा शिक्षा की अलग ज्योति जगाने में प्रमुख भूमिका अदा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा ग्रोवर साहब के बारे में जितना कुछ भी कहा जाए वह कम है। ग्रोवर साहब द्वारा स्थापित शिक्षण संस्थान के द्वारा आज लाखों विद्यार्थी अध्ययन करते हुए अपने स्वर्णिम भविष्य को संवारने में लगे हुए हैं। उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा है कि आज संपूर्ण बिहार में डीएवी स्कूलों का परचम लहरा रहा है।
उन्होंने 60 वर्ष के उम्र के बाद पूरे झारखंड बिहार बंगाल और उड़ीसा में लगभग ढाई सौ स्कूलों को खोलने में मदद की। शिक्षा के क्षेत्र में महात्मा ग्रोवर साहब को अवतार के रूप में जाना जाता है। वह मानवता के सच्चे पुजारी थे। अब उनकी स्मृतिशेष मात्र रह गई है। वे सदा पूजनीय थे और रहेंगे। उक्त बातें विद्यालय के प्राचार्य मुरारी पाठक ने उपस्थित लोगों को बताया। इस अवसर पर हवन का भी कार्यक्रम रखा गया था। जिसमें स्कूल के सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। अंत में आसपास के जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरण करके उनका सम्मान बढ़ाया गया। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ से संपन्न हुआ।