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मैत्रेयी संघ” एवं युवा प्रकोष्ठ के सदस्यों ने राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई

मुजफ्फरपुर (जनमन भारत संवाददाता)। ‘वसुधा कल्याण आश्रम’ के तत्वावधान में बुधवार को संस्था के महिला प्रकोष्ठ “मैत्रेयी संघ” एवं युवा प्रकोष्ठ के सदस्यों ने राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में स्वामी विवेकानंद जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई। इस अवसर पर संस्था के सभी संघमित्रों एवं मैत्रेयीगणों ने स्वामी जी के चित्र पर माल्यार्पण किया और पुष्पांजलि अर्पित की। संस्था के प्रतिष्ठाता आध्यात्मिक गुरु आचार्य पावन महाराज इस सहित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रियाशील सभी पदाधिकारी कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े हुए थे। आचार्य पावन महाराज ने हैदराबाद से सभी सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी का जीवन हम सभी के हेतु दर्शन जैसा है जिससे प्रेरित होकर प्रत्येक युवा भारत की समृद्धि के संघर्ष में शिक्षा, दीक्षा, संस्कारों एवं संकल्पों द्वारा स्वयं को श्रेष्ठ नागरिक बनाने का प्रयास करे तभी भारतीय जनमानस में जाग्रति की वास्तविक प्रवृति विकसित हो पायेगी। इस आलोक में वसुधा कल्याण आश्रम अपने विशेष प्रयासों द्वारा यह सुनिश्चित करना चाहता है कि भारतवर्ष कि समृद्धि हेतु प्रत्येक युवा स्वयं में पूर्ण एवं वास्तविक जागरण का  लक्ष्य स्थापित करे। गुरू द्वारा प्रकाशित मार्ग पर चलकर स्वयं में विलक्षण शक्ति, सामर्थ्य तथा कौशल का विकास करे। स्वयं को विश्व की श्रेष्ठतम युवा शक्ति का भागीदार बनाने की वृति विकसित करें। विश्व चेतना के परिष्कार में पारमार्थिक युवाओं द्वारा सार्थक पहल की आवश्यकता है अतः इस कर्म महोत्सव को सफल बनाने के लिये विवेक वैराग्य, षट्सम्पत्तियों तथा मुमुक्षता का पारमार्थिक चिंतन करें। वर्तमान परिस्थितियों में सफलता एवं समृद्धि की पराकाष्टा को प्राप्त करने के लिये स्वयं को संस्कृत विचार शक्ति से दीक्षित करके सुसंकल्पों तथा सुसंस्कारों की शाश्वत चेतना से परिपूर्ण कर दे। युवाओं में अध्यात्म के प्रति भ्रामक मान्यतायें फैली हैं। युवा जागरण के लिये सर्वप्रथम इन भ्रामक मान्यताओं को नष्ट करके शुद्ध परम्पराओं के बीज बोने होंगे। जीवन के रूपांतरण के लिये पवित्र सनातन प्रक्रियाओं का अवलंबन उन्हें प्रदान करना होगा। युवा मानस में जाग्रति की वास्तविक प्रवृति तभी विकसित होगी जब प्रत्येक युवा भारत के समृद्धि के संघर्ष में श्रेष्ठ नागरिक बनने का प्रयास करेगा। वसुधा कल्याण आश्रम युवाओं में व्यक्तित्व निर्माण एवं व्यक्तित्व निर्माण की उच्चस्तरीय अवस्था को प्राप्त करने के लिए उनके अन्तःकरण में धैर्य, स्थैर्य, सहिष्णुता, उद्यम, उत्साह और अध्यवसाय जैसे महान गुणों का अभिवर्धन किस प्रकार हो एवं सनातन विधियों का अभ्यास किस प्रकार हो इस संदर्भ में कार्यशालाओं का आयोजन नियमित रूप से करेगा। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि हम युवाओं को इस तथ्य से अवगत कराना चाहते हैं कि विश्व पटल पर नीतिगत श्रेष्ठ कर्म, चिंतन एवं उपलब्धि द्वारा भारतवर्ष को पुनः विश्वगुरु के रूप में स्थापित करना निश्चित रूप से युवा जागृति से ही संभव है। मैत्रेयी संघ की बिहार प्रदेश अध्यक्षा ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने नारी जाति, विशेषत: भारतीय नारी की महिमा प्रतिष्ठित की है। उनके अनुसार ईश्वर की प्रथम अभिव्यक्ति वह हाथ है जो पालना झुलाता है। नारी का परमोत्कर्ष मातृत्व में है और माँ परमात्मा का स्वरूप है। ऑनलाइन जुड़े संस्था के वरिष्ठ संरक्षक शम्भूनाथ चौबे ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी महामानव थे जिन्होंने असंभव को संभव बनाने का मार्ग समस्त मानवजाति को दिखाया। इस अवसर पर इस अवसर पर संस्था की गुरु माँ, वरिष्ठ संरक्षक कुमार विरल, ऑस्ट्रेलिया से संयोजक चंद्रभूषण, नाइजीरिया से संयोजक प्रवीण कुमार, कनाडा से संयोजक राजीव रंजन,  श्रीलंका से बोधि भंते, नेपाल से संयोजक राजेश्वर महंत, बिहार प्रदेश अध्यक्ष ए. बी. शरण, संरक्षक पंडित हरिशंकर पाठक, तरुमित्र प्रज्ञा परिषद् युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव रंजन, बिहार प्रदेश अध्यक्ष देवेश्वर कुमार, प्रदेश प्रवक्ता सुमन वृक्ष, आई टी प्रमुख विशाल कुमारदिल्ली उपाध्यक्ष नवीन कुमार, सचिव अर्पणा कुमारी, प्रीति सिन्हा आदि ऑनलाइन जुड़े हुए थे। शिक्षक संघ के अध्यक्ष चंद्रशेखर, गुंजन राकेश, , मैत्रेयी संघ की अध्यक्षा अंजलि स्वरूप, राजकुमार, स्वेता सूची, प्रतिभा कुमारी, नंदिनी, वरुणाराधना प्रदेश अध्यक्ष नरेश कश्यप आदि कार्यक्रम को संचालित कर रहे थे। ज्ञात हो कि वसुधा कल्याण आश्रम राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धर्म-अध्यात्म, पर्यावरण संरक्षण, संस्कृति एवं विरासत के क्षेत्र में अपनी एक विशिष्ट पहचान बना रहा है।

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